क्या उपवास पर बिखर गया आंदोलन?

102

19 दिनों से जारी किसान आंदोलन कब खत्म होगा, इस बारे में कुछ भी कहना कठिन है। इस बीच 14 दिसंबर को देश के कई किसान सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक उपवास रखकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। लेकिन किसान आंदोलन कर रही कई किसान यूनियनों ने उपवास में शामिल होने से इनकर किया है। कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर किसान आंदोलन बिखरता हुआ दिख रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन एकता के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान संगठनों के एक दिन के उपवास से खुद को अलग कर लिया है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किसान नेताओं से मिलने पहुंचे हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा है कि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।

ये भी पढ़ेंः ..ऐसे गिरफ्तार हुई गॉड मदर!

राकेश टिकैत उपवास में शामिल नहीं
किसान नेता महेंद्र टिकैत के बेटे राकेश टिकैत उपवास में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा है कि हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं। लेकिन हमें नजर रखने की जरुरत है, ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हो। हमारे युवाओं को सतर्क रहने की जरुरत है। अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे।

सुखदेव सिंह भी उपवास से अलग
भारतीय किसान यूनियन एकता( उग्राहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान संगठनों के एक दिन के उपवास से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा है कि वे भूख हड़ताल नहीं करेंगे। सुखदेव ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।

समर्थन में केजरीवाल का भी उपवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के सपोर्ट में उपवास रखने का ऐलान करते हुए ट्विट किया है, ‘उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता के लिए प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।’ इससे पहले 13 दिसंबर को केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से अहंकार छोड़कर किसानों की बात सुनने की सलाह दी थी।

ये भी पढ़ेंः वो मुहूर्त नहीं निकाल पाए!

कैप्टन अमरिंदर सिंह पर साधा निशाना
इस किसान आंदोलन में आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़ा हाथ बताया जाता है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए ट्विट किया है, ‘कैप्टन जी, मैं शुरू से ही किसानों के साथ खड़ा हूं। दिल्ली स्टेडियम को जेल नहीं बनने दिया, केंद्र से लड़ा। मैं किसानों का सेवक बनकर उनकी सेवा कर रहा हूं। आपने तो अपने बेटे के ईडी केस माफ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों के आंदोलन को बेच दिया।’

कैप्टन का केजरीवाल पर हमला
दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल सरकार किसानों के आंदोलन का राजनैतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल अपनी पार्टी के एजेंडे को बढ़ाने के लिए झूठ और झूठे प्रचार का सहारा ले रहे हैं। उनका उपवास सिर्फ नाटक है।

केजरीवाल के आवास पर नगर निगम के मेयरों का धरना
सबसे अहम बात यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जबतक उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। बता दें कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम के 13 हजार करोड़ रुपए का बकाया है। इस मुद्दे पर नगर निगम के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए समय मांगा था, लेकिन केजरीवाल ने समय नहीं दिया। समस्याओं से घिरे केजरीवाल किसान आंदोलन को हवा देकर उसका राजनैतिक फायदा उठाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

सरकार और किसानों के बीच छह दौर की बातचीत रही बेनतीजा
अब तक सरकार और किसान नेताओं के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन इन बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकलने से किसानों का आंदोलन अब तक जारी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने तीन नये कृषि कानून लागू किए हैं।
जिसमें सरकारी मंडियों से बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और अनाजों तथा दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई नये प्रावधान किए गए हैं। इसे लेकर किसान नाराज हैं, हालाांकि आंदोलन में मात्र हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों के किसान ही शामिल हैं।

किसानों को डर
किसानों का कहना है कि नये कानून की वजह से मंडी सिस्टमस खत्म हो जाएगा और खेती कार्पोरेट कंपनियों के हाथों में चली जाएगी। 26 नवंबर से जारी किसानों का यह आंदोलन 19 दिन होने के बावजूद जारी है।

सरकार का कहना हैः

  • केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जल्द ही किसान नेताओं के साथ अगली बैठक का समय तय किया जाएगा।
  • कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि असमाजिक तत्व किसानों की आड़ में आंदोलन का महौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.