अजित पवार महारष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दबंग नेता हैं। कोई नहीं जानता कि अजित दादा कब क्या बोलेंगे और करेंगे। महाराष्ट्र में तड़के अचानक हुए शपथ ग्रहण समारोह को लोगों ने भूला नहीं है। उस शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा पूरे देश में हुई थी। लेकिन अब उसी अजित पवार के राम शिंदे से मिलने की चर्चा है। ये वही राम शिंदे हैं, जिन्हें उनके भतीजे रोहित पवार ने हराया था। हालांकि राम शिंदे ने कहा है कि ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई है। इसके बावजूद इस बात की चर्चा है, तो क्या वाकई दादा शिंदे से मिले थे? और अगर ऐसा है तो वे क्यों मिले थे? इस तरह की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है।
शिदे से कहां मिले दादा?
कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं ने कर्जत तालुका में स्थित अंबालिका चीनी कारखाने पर चर्चा की। लेकिन अगर वे चीनी कारखाने पर चर्चा करना चाहते हैं, तो यात्रा के बारे में गोपनीयता क्यों? ऐसा सवाल भी उठाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, अजित पवार और राम शिंदे ने 12 जून को कर्जत तालुका में अंबालिका चीनी कारखाने पर आधे घंटे तक चर्चा की। यह दौरा किसलिए था, यह अभी स्पष्ट नहीं है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि राम शिंदे देवेंद्र फडणवीस के वफादार सहयोगियों में से एक माने जाते हैं।
क्या यात्रा के पीछे ये है कारण?
2019 के विधानसभा चुनाव में रोहित पवार ने राम शिंदे को हराया था। उसके बाद राम शिंदे पार्टी से दूर रह रहे हैं। इसके लिए राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने जहां राम शिंदे के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है, वहीं राम शिंदे का मानना है कि भाजपा में उनसे ज्यादा विखे का सम्मान है। तो क्या इसीलिए भाजपा से नाराज राम शिंदे के दादा से मिलने के पीछे कुछ अलग राजनीतिक गणित है? ऐसा सवाल भी उठाया जा रहा है।
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रोहित पवार समर्थक हैरान
बता दें कि रोहित पवार और अजित दादा के बीच बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं। दादा के पुत्र पार्थ पवार जहां अभी राजनीति में संघर्ष कर रहे हैं, वहीं रोहित पवार ने अपनी जगह बना ली है। इस बात को लेकर पवार परिवार में घरेलू झगड़े की बात की जाती है। बताया जाता है कि इसी के चलते अजित पवार ने शिंदे से मुलाकात की। रोहित पवार के समर्थक यह जानकर आश्चर्यचकित हैं।