महाराष्ट्र के वित्तमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सूबे पर इस समय 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछले साल यह कर्ज 65 हजार करोड़ रुपये था लेकिन इस साल प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को ज्यादा कर्ज लेना पड़ा।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि हर संकट का सामना करते हुए राज्य को विकास के मार्ग पर आगे ले जाने का काम सक्षमता से महाविकास आघाड़ी सरकार कर रही है।
इन कारणों से लिए गए कर्ज
अजित पवार ने 16 मार्च को विधानसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए 14 हजार करोड़ रुपये, बेमौसम बारिश से ग्रस्त किसानों की सहायता करने के लिए 7 हजार करोड़ रुपये और एसटी निगम के लिए 23 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में केंद्र सरकार ने चार फीसदी तक उधार लेने की अनुमति दी थी। इससे हम 120 हजार करोड़ रुपये तक उधार ले सकते हैं, लेकिन हमने 90 हजार करोड़ रुपये ही कर्ज लिया। कोरोना कालखंड में केंद्र सरकार को भी आर्थिक तनाव का सामना करना पड़ा था और केंद्र ने सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े छह प्रतिशत कर्ज लिया, जबकि राज्य ने केवल तीन प्रतिशत कर्ज लिया।
राजस्व के बारे में दी जानकारी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का राजस्व संग्रह 2021-22 में 3 लाख 68 हजार 986 करोड़ था। उनके बजट में 4 लाख 3 हजार 427 करोड़ की राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। इससे कर राजस्व में आठ प्रतिशत की वृद्धि होने की भी उम्मीद है। पिछले वर्ष कर राजस्व 2 लाख 85 हजार 533 करोड़ रुपये था, लेकिन इस वर्ष यह 3 लाख 8 हजार 113 करोड़ रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा राजस्व घाटे का 0.68 प्रतिशत है।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास जारी
अजित पवार ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार ने बजट में नागरिकों के जीवन को प्राथमिकता दी है। कोरोना पर कुछ पाबंदियां लगाईं गईं लेकिन अब अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।