ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले संगठन ब्रिक्स के विस्तार को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। भारत का विरोध दरकिनार करके दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक्स के विस्तार की चीनी मांग का समर्थन किया है।
22 से 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 से 24 अगस्त तक हान्सबर्ग में होना है। ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए 22 देशों ने आवेदन किया है। सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता इस पर विचार करेंगे। भारत ब्रिक्स के विस्तार का विरोध कर रहा है, लेकिन चीन विस्तार के पक्ष में है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने ब्रिक्स के विस्तार को लेकर चीन का समर्थन किया है। राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका देश ‘ब्रिक्स’ समूह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है।
समर्थन में दिया ये तर्क
रामफोसा ने कहा कि अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ब्रिक्स को अन्य देशों के साथ साझेदारी करने की जरूरत है, जो उसकी आकांक्षाओं और दृष्टिकोण को साझा करते हैं। रामफोसा ने शिखर सम्मेलन में अफ्रीका, कैरेबियाई क्षेत्र, दक्षिण अमेरिका, मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के कई अन्य नेताओं की भागीदारी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक विस्तारित ब्रिक्स अलग-अलग राजनीतिक प्रणालियों वाले देशों के एक विविध समूह का प्रतिनिधित्व करेगा, जो अधिक संतुलित वैश्विक व्यवस्था की समान इच्छा साझा करते हैं।