कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयं संघ और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आलोचना का कोई भी मौका नहीं छोड़ते, लेकिन अब जो कुछ हुआ है, उन पर लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है। दरअस्ल उन्होंने आरएसएस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों की एक साथ प्रशंसा कर लोगों को हैरत में डाल दिया है।
30 सितंबर को उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि चार साल पहले इन दोनों ने कैसे उनकी मदद की थी। उन दिनों 2017 में वे अपनी पत्नी अमृता के साथ नर्मदा नदी के तट की पैदल परिक्रमा कर रहे थे।
शाह ने इस तरह की मदद
दिग्विजय सिंह अपने साथी ओपी शर्मा की पुस्तक नर्मदा के पथिक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नर्मदा के तट के परिक्रमा के समय एक बार वे रात 10 बजे गुजरात के जंगल में पहुंचे। वहां से आगे जाने का कोई रास्ता नहीं था और न वहां कोई रुकने की सुविधा थी। तभी एक वन अधिकारी हमारे पास आए और उन्होंने हमें बताया कि अमित शाह ने उन्हें हमें पूरा ख्याल रखने और सहयोग देने का निर्देश दिया है।
ये भी पढ़ेंः कैप्टन के खिलाफ कांग्रेस! अमित शाह से मुलाकात पर लगाया ऐसा आरोप
कट्टर आलोचक होने के बावजूद किया सहयोग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उस समय गुजरात में चुनाव हो रहा था और मैं उनका सबसे कट्टर आलोचक था। इसके बावजूद उन्होंने हमारा ख्याल रखा कि हमारी यात्रा में कोई असुविधा न हो। उन्होंने पहाड़ों के बीच से हमारे लिए रास्ता निकाला और हम सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की। उन दिनो सिंह ने छह महीने में 3,000 किलोमीटर की यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि मैं आज तक शाह से नहीं मिला हूं लेकिन उचित माध्यम से मैंने उनका आभार जताया।
आरएसएस की प्रशंसा
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस के भी वे आलोचक रहे हैं लेकिन यात्रा के दौरान उसके कार्याकर्ता उनसे मिलते रहे। मैंने उनसे पूछा भी कि वे क्यों इतनी तकलीफ उठा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें मुझसे मिलने का आदेश दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब वे भरुच से गुजर रहे थे तो आरएसएस कार्यकर्ताओं ने एक दिन झांसी समाज धर्मशाला में उनके ठहरने की व्यवस्था की।
धर्म और राजनीति अलग
सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर उन्हें ठहरने की व्यवस्था की गई थी, उसकी दीवारों पर आरएसएस के दिग्गज केशव बलिराम हेडगेवार और माधवराव सदाशिवराव गोलकर की तस्वीरें लगी हुई थीं। सिंह ने कहा कि मैं ये सब इसलिए बता रहा हूं कि लोग जानें कि धर्म और राजनीति अलग है और मैंने अपने तीर्थ के दौरान सबकी मदद ली।