पंजाब में कांग्रेस की कलह कब मिटेगी, इस सवाल का जवाब मिलना आसान नहीं है। अगले विधानसभा चुनाव में अब लगभग छह महीने का समय बचा है, लेकिन कांग्रेस की कलह समाप्त होती नहीं दिख रही है। 18 जुलाई की सुबह खबर थी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह पार्टी हाईकमान का हर आदेश मानने को तैयार हैं, लेकिन शाम होते-होते खबर आई कि वे माफी मांगने की अपनी शर्त पर अभी भी अड़े हैं।
कैप्टन का मिलने से इनकार
बता दें कि कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की जोरदार चर्चा है। इस बीच 18 जुलाई को वे सीएम अमरिंदर सिंह के गृह नगर पटियाला पहुंच गए और पार्टी के विधायकों से मुलाकात कर उनसे समर्थन की मांग की। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनसे फिर मिलने से इनकार कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने खिलाफ सिद्धू द्वारा कथित रुप से अपमानजनक ट्वीट के लिए सार्वजनिक रुप से माफी मांगने की अपनी जिद दोहराई है।
इनसे मिले सिद्धू, मांगा समर्थन
सिद्धू ने शूतराना विधायक निर्मल सिंह शूत्राना से मिलने के बाद घनौर विधायक मदन लाल जलालपुर के घर गए। वहां कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पहले से ही उपस्थित है। पटियाला से सांसद और अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर के करीबी जलालपुर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ सिद्धू का स्वागत किया।
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सिद्धू को कई विधायकों का समर्थन
सिद्धू के समर्थन में कम से कम 30 विधायकों के साथ उनकी तस्वीर जारी की। इनसे वे एक दिन पहले यानी 17 जुलाई को मुलाकात की थी। सिद्धू के एक करीबी ने दावा किया कि उनके समर्थन देने वाले विधायकों और पार्टी नेताओं की संख्या बढ़ रही है।
बाजवा ने बुलाई बैठक
इस बीच राज्यसभा सांसद प्रताप बाजवा ने दिल्ली में अपने आवास पर पंजाब के सांसदों के बैठक बुलाई थी। उन्होंने घोषणा की है कि वे सिद्धू को अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करने के लिए रणनीति बनाएंगे और पार्टी हाईकमान से मिलने का समय मांगेंगे।