राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा के बीच मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम का बड़ा बयान आया है। उन्होंने ट्विटर पर इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई है। निरुपम ने कहा है कि दिल्ली से मुंबई तक राहुल गांधी के खिलाफ जो अभियान चल रहा है, उसी का हिस्सा है, शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने का शिगूफा। उसी अभियान के तहत 23 हस्ताक्षर वाली चिट्ठी लिखी गई थी। फिर राहुल जी के नेतृत्व में कनसिस्टेंसी की कमी ढूंढ़ी गई है। एक बड़ा प्लान है,कांग्रेस को ही मिटाने का।
दिल्ली से मुंबई तक राहुल गांधी के खिलाफ जो अभियान चल रहा है,उसी का हिस्सा है शरद पवार को यूपीए का चेअरमैन बनाने का शिगूफा।
उसी अभियान के तहत 23 हस्ताक्षर वाली चिट्ठी लिखी गई थी।
फिर राहुलजी के नेतृत्व में कनसिस्टेंसी की कमी ढूँढी गई है।
एक बड़ा प्लान है #कॉंग्रेस को ही मिटाने का।— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) December 11, 2020
संजय राउन ने बताया कांग्रेस को कमजोर पार्टी
वर्तमान में राजनैतिक गलियारों में चल रही चर्चा पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि शरद पवार में एक राष्ट्रीय नेता के सभी गुण हैं। कांग्रेस को कमजोर पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा है कि अगर पवार जैसे अनुभवी नेता यूपीए के अध्यक्ष बनते हैं तो यह अच्छी बात होगी। उनके नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां एक साथ आ सकती हैं। हालांकि राउत ने कहा है कि उन्हें जहां तक मालूम है, पवार ने खुद ही यूपीए अध्यक्ष बनने से मना कर दिया है, लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है। किसी को नहीं मालूम कि आगे क्या होगा?
पवार बनेेंगे पॉवरफुल
राजनीति के गलियारे में चल रही चर्चा के अनुसार यूपीए की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी इस पद को छोड़ सकती हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस पद की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। इस वजह से यह जिम्मेदारी शरद पवार को सौंपी जा सकती है।
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कांग्रेस का प्रस्ताव!
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शरद पवार से आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर उतारने मांग की जा रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने यह प्रस्ताव शरद पवार के समक्ष रखा है। कांग्रेस ने पवार को सभी विरोधी पार्टियों को एक छत के नीचे लाकर आगामी लोकसभा चुनाव में उनका नेतृत्व करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही कांग्रेस अगले चुनाव में राहुल गांधी की जगह अनुभवी शरद पवार को प्रधान मंत्री का चेहरा बनाना चहाती है।
विपक्षी नेताओं से पवार के अच्छे संबंध
कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेता ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू को कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। इस हालत में पवार ही ऐसे नेता हैं, जो इन सबको साथ ला सकते हैं। महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को मिलाकर बनी महाविकास आघाड़ी अन्य पार्टियों के लिए एक उदाहरण बन सकती है।