त्रिपुरा में मुख्यमंत्री माणिक साहा के नामांकन के दौरान रोड शो में शामिल हुए डॉ. सरमा, किया ये दावा

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की 30 जनवरी को अंतिम तिथि थी। नामांकन पत्रों की जांच 31 जनवरी को होगी और 2 फरवरी तक नामांकन वापस लिये जा सकते हैं।

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नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि भाजपा वर्ष 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार अधिक सीटें जीतेगी। देश में माकपा और कांग्रेस जीरो हो गई है। त्रिपुरा में इस अशुभ गठबंधन की औकात 16 फरवरी को दिखेगी।

रोड शो के दौरान की भाजपा की जीत का दावा
वे 30 जनवरी को राजधानी अगरतला में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के समर्थन में एक विशाल रोड शो के बाद संबाेधित कर रहे थे। रोड शो में मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथंबम बीरेन सिंह, भाजपा के पूर्वोत्तर समन्वयक डॉ. संबित पात्रा, अगरतला पौर निगम के मेयर दीपक मजूमदार समेत असम के कई नेता व विधायक भी शामिल हुए। 30 जनवरी को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री साहा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। डॉ. सरमा ने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस-सीपीआईएम का अशुभ गठबंधन भाजपा के लिए कोई फैक्टर नहीं है। वे पूरे देश में शून्य हो गए हैं। त्रिपुरा के नतीजे में यह गठबंधन बिग जीरो बन जाएगा। उन्होंने दावा किया इस बार राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा वर्ष 2018 की तुलना में अधिक सीटें जीतेगी। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि भाजपा त्रिपुरा में फिर से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा, “राज्य की एकता, विकास और लोगों के अधिकारों को महसूस करते हुए हमने यह चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है, लेकिन आईपीएफटी हमेशा हमारे साथ है और रहेगी।’

30 जनवरी थी नामांकन की अंतिम तिथि
उल्लेखनीय है कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की 30 जनवरी को अंतिम तिथि थी। नामांकन पत्रों की जांच 31 जनवरी को होगी और 2 फरवरी तक नामांकन वापस लिये जा सकते हैं। पूरे राज्य में 16 फरवरी को मतदान और 2 मार्च को मेघालय और नगालैंड के साथ त्रिपुरा के चुनाव की गिनती होगी।

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