एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीत गई हैं। वे देश की 15वीं राष्ट्रपति बनेंगी। उनके सामने किस्मत आजमा रहे यशवंत सिन्हा की हार तो तय ही थी, मतगणना के बाद उस पर मुहर भी लग गई। इस गरिमामयी पद के लिए 18 जुलाई को मतदान कराया गया था।
भारी मतों से विजय
राष्ट्रपति पद के लिए हुई मतगणना में कुल तीन राउंड हुए। इसकी कुल वैल्यू 8,38,839 थी, जिसमें से द्रौपदी मुर्मू को 2161 अर्थात 5,77,777 वैल्यू के मत मिले। इस चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 1058 वोट प्राप्त हुए जिसका वैल्यू मात्र 2,61,062 रहा।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं द्रौपदी मुर्मू वनवासी संथाल समुदाय से हैं। राष्ट्रपति चुने जाने पर वे पहली वनवासी समुदाय की राष्ट्रपति हो गई हैं। मुर्मू को समाज सेवा का लंबा अनुभव रहा है।
- सामाजिक कार्यों में द्रौपदी मुर्मू ने अपनी शुरुआत वर्ष 1997 में पार्षद के रूप में की, वे रायरंगपुर नेशनल एडवायजरी काउंसिल की अध्यक्ष बनीं
- वर्ष 2013 में द्रौपदी मुर्मू भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य बनाई गईं
- वर्ष 2000 से 2004 के बीच उड़ीसा के रायरंगपुर से विधायक रहीं, बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन सरकार के समय वे मंत्री रहीं। 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 के बीच मंत्री स्वतंत्र प्रभार वाणिज्य और परिवहन मंत्री रहीं, इसके बाद 6 अगस्त, 2002 से 16 मई, 2004 के बीच मत्योद्योग और पशुपालन विभाग की मंत्री
- वर्ष 2015 से 2021 की बीच झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहीं, पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया