Punjab: राज्य सरकारों को बिजली, पानी मुफ्त देना चाहिए? मतदाताओं को लुभाने के लिए ये बुनियादी जरुरतों को मुफ्त बांटना कितना उचित है ? इसको लेकर देश में बहस चल रही है। मुफ्त बिजली देने का सबसे अधिक असर राज्य की वित्तीय स्थिति पर पड़ता है। पंजाब इसका जीता-जागता उदाहरण है। पंजाब सरकार की आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहले दो वर्षों में 47,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जानकारों का कहना है कि समय रहते भगवंत मान सरकार नहीं संभली तो प्रदेश में आने वाली पीढ़ियों के लिए सड़क, अस्पताल और स्कूल बनाने के लिए पैसे नहीं बचेंगे।
भुगतनी होगी मुफ्त बिजली देने की सजा
केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर कोई राज्य किसी भी श्रेणी के लोगों को मुफ्त बिजली देना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है लेकिन उसे इसके लिए भुगतान करना होगा। पंजाब पर पहले से ही बहुत कर्ज है। अब उसे चुनाव के समय लोक लुभावने लालच देने का परिणाम भुगतना पड़ रहा है। उसे बिजली संयंत्र को भुगतान करने के लिए अधिक कर्ज लेना पड़ रहा है। इसके चलते पंजाब कर्ज में डूबता जा रहा है। इसका प्रभाव पंजाब के विकास पर वर्षो तक पड़ना निश्चित है।
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बिजली दरों में बढ़ोतरी
16 जून 2024 से पंजाब में बिजली की नई दरें लागू हो गईं हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 11 पैसे प्रति यूनिट और इंडस्ट्री के लिए 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। हालांकि छोटे घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके लिए 300 यूनिट प्रति महीना मुफ्त बिजली जारी रहेगी। हालांकि पंजाब सरकार को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सब्सिडी के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ेगा। घरेलू और खेती के लिए दी जाने वाली मुफ्त बिजली के लिए सरकार सलाना 20,000 करोड़ रुपया पीएसपीसीएल को देती है। दाम बढ़ने से सरकार को अब ज्यादा पैसा देना पड़ेगा। ट्यूबवेल कनेक्शन की दरों में 15 पैसे की बढ़ोतरी की गई है, जबकि 300 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रहेगी।
गर्मी में बढ़ी मांग
प्रदेश में पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन बिजली की दरें निर्धारित करती है। गर्मी में पंजाब में बिजली की मांग में बढ़ोतरी देखी गई है। इसी महीने मांग 14,000 मेगावाट के पार चली गई थी, जो रिकॉर्ड हाई थी। पंजाब सरकार का बिजली विभाग हर दिन 54 करोड़ रुपए की सब्सिडी के कारण धन की कमी से जूझ रहा है। पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। पिछले महीने सब्सिडी का बोझ उठाने में असमर्थ पीएसपीसीएल को अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए 500 करोड़ रुपए कर्ज लेने पड़े हैं। खास बात यह है कि पंजाब सरकार ने उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर निकालने के लिए कोई विकल्प नहीं रखा है और पंजाब के 88.15 प्रतिशत निवासियों को इस वर्ष में शून्य बिजली बिल मिला।
वार्षिक सब्सिडी बिल 19,000 करोड़ रुपए पार
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मान सरकार का वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल 19,000 करोड़ रुपए पार कर गया है, जिसमें कृषि , घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं को मुफ्त सब्सिडी वाली बिजली भी शामिल है।