पीएम मोदी के काल में एमबीबीएस और एमडी की सीटों में लंबी छलांग, पढ़ें कितनी हुई वृद्धि

एक लंबी छलांग लगाते हुए, 2014 में 145 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से, भारत में अब 260 ऐसे जीएमसी हैं, जबकि 9 वर्ष में देश में एम्स की संख्या 23 हो गई है। 

1249

केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को किफायती और सुलभ बनाने के लिए अनेक उपाय किए हैं, ताकि कोई योग्य उम्मीदवार स्वयं को नुकसान में महसूस न करे। उन्होंने कहा कि केवल 9 वर्ष में MBBS सीटों की संख्या 79 प्रतिशत बढ़कर 51,348 से 91,927 हो गई, जबकि एमडी सीटों की संख्या 93 प्रतिशत बढ़कर 31,185 से 60,202 पर पहुंच गई।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा, एक लंबी छलांग लगाते हुए, 2014 में 145 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से, भारत में अब 260 ऐसे जीएमसी हैं, जबकि 9 वर्ष में देश में एम्स की संख्या 23 हो गई है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह एसबीआई द्वारा एम्स, जम्मू को दान की गई 32 सीटों वाली बस को रवाना करने के बाद संबोधित कर रहे थे। यह समारोह एम्स, जम्मू के बख्शी नगर कैंप कार्यालय में आयोजित किया गया था।

भारत सुरक्षात्मक स्वास्थ्य देखभाल में विश्व में अग्रणी
भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि भारत सुरक्षात्मक स्वास्थ्य देखभाल में विश्व में अग्रणी बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि पहले देश को स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में गंभीरता से नहीं लिया जाता था। मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बंधनों से मुक्त करने और पुराने नियमों को समाप्‍त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की सराहना की, और कहा कि एक अधिक सक्षम वातावरण बनाया गया है।

छात्रों को दिए उत्कृष्टता के टिप्स
मंत्री ने ‘डॉक्टर्स ऑन व्हील्स’ सुविधा की तर्ज पर अस्पतालों के लिए एसबीआई द्वारा दान की गई बसों में टेलीमेडिसिन प्रावधान शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए इसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए एक एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन प्रोटोकॉल का आह्वान किया। बाद में, मंत्री ने एम्स, जम्मू के छात्रों और संकाय के साथ बातचीत की। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के टिप्स दिए।

सीएमई का दिया सुझाव
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने चिकित्सा पद्धति के नवीनतम उपकरणों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम थेरेपी आदि पर विचारों का आदान-प्रदान किया और इस पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने एक ही छत के नीचे कई धाराओं और विषयों को शामिल करते हुए थीम-आधारित सीएमई का भी सुझाव दिया। उन्होंने अधिकतम परिणाम प्राप्त करने के लिए क्लिनिकल मेडिसिन को डीप टेक्नोलॉजी से जोड़ने के बारे में भी बात की।

“हैंडबुक ऑफ पॉलिसीज, गाइडलाइन्‍स एंड प्रोसीजर्स” का विमोचन
इस अवसर पर, डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने “हैंडबुक ऑफ पॉलिसीज, गाइडलाइन्‍स एंड प्रोसीजर्स” नामक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक संस्थानों के बीच सहयोग और अनेक केन्‍द्रों पर परीक्षण आयोजित करने के महत्व पर प्रकाश डालती है। एम्स के निदेशक डॉ. शक्ति गुप्ता ने डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया और अपने कठिन कार्यक्रम के बावजूद इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए तेलंगाना से सीधे पहुंचने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।

यह भी पढ़ें – आयुर्वेद को वोकल फॉर लोकल से जोड़ते पीएम मोदी ने कही बड़ी बात, जानें क्या

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.