अमेरिका में ‘जयशंकर’, भारत की दो टूक से निपट गया यूएस का घमंड

भारत ने अमेरिका को उसी की भाषा में उत्तर दिया है। न्यूयॉर्क में अंधाधुंध गोली चलाने, अश्वेत लोगों की हत्याओं और भारतीयों पर नस्लभेद के अंतर्गत किये जा रहे हमलों की ओर भी भारत ने इशारो ही इशारो में अमेरिका को उसका स्थान समझा दिया है।

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अमेरिका और भारत के बीच हो रही टू प्लस टू बैठक के लिए विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका में हैं। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि, भारत भी अमेरिका के मानवाधिकार के विषय में एच विचार रखता है, जिसे वह योग्य मंच पर रखेगा। भारतीय विदेश मंत्री ने इसके साथ ही रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली लेने के विषय में स्पष्ट कर दिया कि, प्रतिबंधों पर अमेरिका द्वारा बनाया गया कानून उसका आंतरिक कानून है, इसका निराकरण अमेरिका को ही निकालना होगा। भारत की इस दो टूक से अमेरिका विश्व में जिस राजसी ठाट को अपनाता रहा है, उसे ध्वस्त कर दिया है।

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तब भारत भी पीछे नहीं हटेगा
अमेरिका में हुई टू प्लस टू की मंत्रिस्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ मानवाधिकार के मुद्दे पर हुई वार्ता को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वार्ता में यह मामला उठा ही नहीं। उन्होंने दो टूक कहा कि जब भी इस पर चर्चा होगी तो भारत बोलने से पीछे नहीं हटेगा।

सोमवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में बोला था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका भारत में हो रहे कुछ हालिया चिंताजनक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। इनमें कुछ सरकारी, पुलिस और जेल अधिकारियों के मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाएं शामिल हैं।

भारतीय समुदाय से संबंधित मुद्दे उठाता है भारत
वॉशिंगटन में अपनी यात्रा के समापन पर जयशंकर मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि बैठक में हमने मानवाधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। यह बैठक मुख्य रूप से राजनीतिक-सैन्य मामलों पर केंद्रित थी। ब्लिंकन के बयान के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि भारत भी अमेरिका सहित अन्य लोगों के मानवाधिकारों की स्थिति पर अपने विचार रखता है। वह भारतीय समुदाय से संबंधित मामलों को भी उठाता है। अमेरिका द्वारा इन मुद्दों को उठाना उसकी आंतरिक राजनीति और वोट बैंक की पॉलिसी है।

यूक्रेन के हालातों पर हुई चर्चा
जयशंकर ने कहा कि हमारा बहुत समय यूक्रेन के हालात पर चर्चा में गया। अमेरिकी पक्ष ने स्थिति का अपनी तरह से विश्लेषण प्रस्तुत किया। वह बोले कि मुझे लगता है आज, पॉलिसी और नैरेटिव के बीच एक अंतर है और आप जानते हैं, हम इसे कैसे कम करते हैं और इसे कैसे पाटते हैं।

प्रतिबंध कानून अमेरिका का आंतरिक मामला
भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली लेने पर एस.जयशंकर ने स्पष्ट किया कि, यह भारत की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। इस पर जिस प्रतिबंध की बात अमेरिका कर रहा है, वह उसके द्वारा बनाया गया कानून है, जिसका हल उसे ही खोजना होगा।

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