मुंबई (Mumbai) में बीएमसी (BMC) के कोविड सेंटर घोटाला मामले (Covid Center Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी की टीम ने बुधवार (21 जून) सुबह 16 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी (Raids) की। यह छापेमारी राजधानी मुंबई में हुई। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के करीबियों के यहां छापेमारी की गई है। इनमें से कुछ लोग पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के करीबी भी हैं।
जानकारी के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) के युवा सेना सचिव सूरज चव्हाण के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई है। जिस ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है उनमें बीएमसी अधिकारी, सप्लायर और आईएएस अधिकारी शामिल हैं।
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देवेंद्र फडणवीस ने उठाए सवाल
राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में एक रिपोर्ट पेश की है। फडणवीस का आरोप है कि नगर निगम का प्रशासन पूरी तरह से अपारदर्शी और भ्रष्ट है। यह रिपोर्ट सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपए के काम की है, लेकिन इस पूरे काम से और भी चौंकाने वाली बातें सामने आएंगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान अनियमितताओं के अलावा, जांच में यह भी पाया गया कि दो अलग-अलग विभागों में 20 काम बिना टेंडर के दिए गए।
किरीट सोमैया ने लगाया आरोप
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कोरोना काल में कोरोना सेंटर में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले में बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल से भी पूछताछ हो चुकी है। चहल पर आरोप है कि उन्होंने कोविड सेंटर के ठेके बेनामी कंपनियों को दिए। इनमें से अधिकांश कंपनियों के पास चिकित्सा क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं था, फिर भी उन्हें ठेका दे दिया गया। यह घोटाला करीब 100 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।
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