पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति और राष्ट्रवाद का लोहा मनवाने वाले नरेन्द्र मोदी की सरकार ने आठ वर्ष पूरे कर लिए। इन आठ वर्षों में नरेन्द्र मोदी ना सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दिखे, बल्कि दुनिया ने इनका अलग-अलग समय पर अलग-अलग रूप देखा।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि लोग सत्ता चलाते हैं सत्ता के अहंकार में, लेकिन नरेन्द्र मोदी सत्ता चला रहे हैं सेवा के भाव-सेवा के सरोकार से। नरेन्द्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में देश के सामने प्रदर्शित हुए जिनके कई चेहरे हैं, वे अगर बाहर से सख्त दिखते हैं तो अंदर से उतने ही नरम है। मोदी ने पूरी दुनिया में भारत को नई दिशा और दशा दिया, भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। मोदी भारत के राष्ट्र भक्त के रूप में सुरक्षा को लेकर हमेशा सजग रहे, उन्होंने कहा था ना आंख झुकाकर बात करेंगे, ना आंख उठा कर बात करेंगे, आंख मिला कर बात करेंगे, इसे सच साबित किया। इस बार जब मोदी विदेश यात्रा पर गए तो चार राष्ट्र प्रमुख से बात हुई, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुख से बात करते समय भारत के पीएम नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के भाव में लग रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी मोदी के कोरोना मैनेजमेंट की तारीफ की, मोदी ने ग्लोबल लीडर के रूप में भारत को स्थापित करने का काम किया।
बिहार प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार को कटिहार जाने के दौरान आईओसी गेस्ट हाउस में विशेष बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय लोग कहते थे कि नरेन्द्र मोदी पीएम बनेंगे तो विदेश नीति क्या होगी, उन्होंने दिखा दिया कि भारत की विदेश नीति कैसी होती है। मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का स्वरूप लोगों को दिखाया। कोरोना काल में मोदी ने जब पीएम केयर्स फंड की चिंता कर फंड बनाया तो लोगों ने गालियां भी दी। जिंदगी भर ऑडिट के घेरे में रहने वाले, परिवारवाद के घेरे में रहने वाले लोगों ने ऑडिट की मांग उठाई। लेकिन मोदी किसी भी बात की चिंता नहीं कर अपने काम में लगे रहे। वैश्विक महामारी कोरोना काल में ना वेंटीलेटर था, ना मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर सहित कोई उपकरण था। मोदी ने पीएम केयर्स फंड की स्थापना करके तुरंत ही पूरे देश को वेंटिलेटर, मास्क सहित तमाम उपकरण देकर मदद किया। सिर्फ भारत ही नहीं वसुधैव कुटुंबकम के मूल मंत्र से दूसरे देश को भी खूब मदद की। देश के तमाम जिलों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाया गया, ताकि भविष्य में भी किसी प्रकार की आपदा में परेशानी नहीं हो।
गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी का दूसरा रूप अब कोरोना में प्रकृति के कारण अनाथ हुए बच्चों के प्रति दिखा। अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का बीड़ा उठाकर नरेन्द्र मोदी ने पीएम केयर्स चाइल्ड शुरू की। इसके तहत विगत 30 मई को देश के 70 स्थानों पर करीब साढ़े चार हजार बच्चे को इसका लाभ मिला, जिसमें ना हिंदू देखा ना मुसलमान देखा, सब बच्चे को एक समान देखा। बच्चों से प्रधानमंत्री ने संवाद किया तो बच्चों को लगा कि प्रधानमंत्री नहीं उनके अभिभावक बात कर रहे हैं। बच्चों के पढ़ाई और ड्रेस सहित तमाम तरह की चिंता किया, इसके लिए बच्चों को प्रतिमाह चार हजार मिलेगा, यह बच्चे जब 23 वर्ष के हो जाएंगे तो दस लाख का फिक्स डिपाजिट मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों से बात करते हुए कहा है कि यह कोई एहसान नहीं कर रहे हैं, अपना फर्ज निभा रहे हैं, बच्चे पढ़ लिख कर देश की सेवा करें।
सुल्तानगंज पटना निवासी अनाथ हुए अख्तर की खाला ने जब प्रधानमंत्री का संवाद सुनकर मंच से कहा कि मोदी ने सबका साथ-सबका विकास-सबका प्रयास सिर्फ कहा नहीं कर दिखाया, वह भगवान के रूप हैं। मोदी का यह रूप देश और दुनिया में किसी भी जगह पर नहीं दिखा, जबकि अमेरिका और यूरोप जैसे देश ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए कुछ नहीं किया। कोरोना के कारण पूरी दुनिया की आर्थिक गतिविधि रुक गई, लेकिन मोदी ने भारत की गति को रुकने नहीं दिया, दौड़ा दिया। दो सौ करोड़ लोगों को मुफ्त में वैक्सिन दिया, वैक्सिन शुरू करते समय लोगों ने जुबान चलानी शुरू कर दी, पत्र लिखना शुरू कर दिया, 40 से ऊपर वाले को देने पर कहा 18 तक को मिले, 18 वर्ष तक को देने पर कहा छोटे को मिले तो मोदी ने 12 वर्ष तक के बच्चों को वैक्सिन देना शुरू कर दिया, यह मोदी के मैनेजमेंट का कमाल है। सर्वे भवंतू सुखिन: सर्वे संतु निरामया भारत का मूल सांस्कृतिक धरोहर है, इस धरोहर को मोदी ने मूल मंत्र बना लिया है। बाबा मंदिर में त्रिपुंड लगाने से संकोच नहीं किया, काशी गए तो गंगा में डुबकी लगाने की संस्कृति नहीं छोड़ा। काशी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया तो प्राकृतिक आपदा में तहस-नहस हो गए उत्तराखंड के केदारनाथ को सेवा के भाव से सजाया, यह सब मोदी का अनेक रूप दिखाता है।
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