कारशेड ओके हाय, आरे में ही मेट्रो का ठिकाना! कुलाबा सिप्झ सेवा बस इतने समय दूर

आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड के विरोध का लंबा सिलसिला है। जो नई सरकार के काल में फिर शुरू है। परंतु, जनसंख्या विकास को झेलती मुंबई के लिए पर्यावरण के साथ-साथ प्रतिदिन की दौड़भाग को सुखद करने का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है।

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एकनाथ शिंदे सरकार ने मेट्रो कारशेड पर लगाए गए स्थगन आदेश को वापस ले लिया है। इस निर्णय से मुंबई वासियों की मेट्रो ३ की प्रतीक्षा कम होने की आशा जगी है। युति सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से मेट्रो ३ का ठिकाना कांजुरमार्ग हटकर आरे कॉलोनी में स्थापित होने का मार्ग ओके हो गया है।

भाजपा और शिवसेना युति सरकार द्वारा आरे कॉलोनी में कारशेड निर्माण को अनुमति देने से अब आशा है कि, लगभग आठ महीनों में कारशेड निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप अगले एक वर्ष में मुंबई की जनता की सेवा में मेट्रो ३ उपलब्ध हो जाएगी। यानि कोलाबा से सिप्झ का प्रवास मेट्रो से सुखद होगा।

‘पृथ्वीराज’ की थी योजना
मेट्रो ३ योजना और कारशेड का उल्लेख करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि, मूलरूप से इस योजना को कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने अनुमति दी थी। उस समय मुंबई शहर को अंतरराष्ट्रीय शहर बनाने के लिए कांग्रेस एनसीपी की आघाड़ी सरकार ने ३६ हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई थी। जिसमें मेट्रो, कोस्टल रोड, गारगाई जल परियोजना समेत विभिन्न संसाधन विकास योजनाएं थीं। भाजपा शिवेसना की सत्ता आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्य शुरू किया।

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मेट्रो ३ – समाप्त होगा राजनीतिक युद्ध काल!
भाजपा शिवसेना की पिछली सरकार के काल में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई शहर में मेट्रो को विस्तार देने की योजना बनाई थी। उस समय इस पर तीव्र गति से कार्य आगे बढ़ा। इसमें एक चरण मेट्रो ३ का भी था, जो कोलाबा से सिप्झ के बीच दौड़ेगी। यह सेवा अधिकांश ठिकानों पर भूमिगत मार्ग से दूरी तय करेगी। इसका कारशेड आरे कॉलोनी में बनाने का निर्णय तत्कालीन फडणवीस सरकार ने लिया था। जो आरे कॉलोनी के १९ नंबर से लगे भूखंड पर बनाया जाना था। इसका कार्य शुरू हुआ, तो प्रबल विरोध हुआ। इको सेन्सिटिव जोन होने और तेंदुए समेत कई जीवों का निवास होने कारण इसका विरोध हुआ। सत्ता में शामिल शिवसेना ने भी आरे कॉलोनी में कारशेड के विरोध को जमकर हवा दी। शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे की राजनीतिक पहचान बनाने में कारशेड की भूमिका भारी साबित हुई। इस बीच प्रकरण आरे कॉलोनी की सड़कों से संसद और सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति प्रदान की। इससे लगा कि, अब काम शुरू हो जाएगा। परंतु, सत्ता बदली तो शिवसेना ने अपनी सरकार में अपना ध्येय साध्य कर लिया। मेट्रो ३ के आरे कारशेड को स्थगन देते हुए उसे कांजुरमार्ग के में स्थानांतरित करने का आदेश २०१९ में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दे दिया।

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