केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह पर रोक लगाने के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग में आवेदन कर इस फैसले को चुनौती दी थी। इस मामले में 12 दिसंबर ठाकरे गुट के लिए महत्वपूर्ण दिन था। इस दिन सुनवाई शुरू होने की संभावना थी, लेकिन आयोग ने जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई करने का फैसला किया है। अब ठाकरे गुट को इस मामले में फैसला आने तक प्रदेश में होने वाले संभावित चुनाव ‘मशाल’ चुनाव चिह्न पर लड़ना पड़ेगा।
आयोग ने 5 मिनट में निपटाया मामला
इस बारे में बोलते हुए ठाकरे गुट के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि 12 दिसंबर को चुनाव आयोग के सामने कोई बहस नहीं हुई। एमपी देसाई ने कहा कि आयोग दोनों पक्षों ठाकरे और शिंदे गुट की दलीलें सुनेगा और उस वक्त जो बातें सामने आएंगी, उसके अनुसार आयोग फैसला सुनाएगा। आयोग ने महज 5 मिनट में मामले को निपटा दिया। अनिल देसाई ने कहा कि उम्मीद थी कि 12 दिसंबर को आयोग ठाकरे गुट द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच करेगा और देखेगा कि उनमें कितनी सच्चाई है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।