चुनावों में अधिक पारदर्शिता लाने की पहल के तहत चुनाव आयोग ने पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों को चुनाव का वार्षिक लेखा-जोखा, निर्वाचन व्यय विवरण दर्ज करने के लिए एक वेब पोर्टल का शुभारंभ किया है। इससे अब पंजीकृत राजनीतिक पार्टियां वित्तीय लेखा ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगी।
सभी राजनीतिक पार्टियों को जारी एक पत्र में आयोग ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा वित्तीय विवरणों को समय पर दर्ज कराने और रिपोर्ट को प्रत्यक्ष रूप से जमा करने में आने वाली कठिनाइयों को समाप्त करने के प्रबंध किए गए हैं। आंकड़ों की ऑनलाइन उपलब्धता अनुपालन और पारदर्शिता के स्तर को बढ़ा सकती है। इस पोर्टल में राजनीतिक पार्टियों के अधिकृत प्रतिनिधियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ई-मेल पर रिमाइंडर संदेश भेजने की सुविधा दी गई है। गौरतलब हो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और पारदर्शी दिशा-निर्देश के अनुसार समय-समय पर राजनीतिक पार्टियों को वित्तीय विवरण निर्वाचन निकाय को सुपुर्द करने की आवश्यकता होती है।
आयोग ने कहा कि जो राजनीतिक दल ऑनलाइन मोड के माध्यम से वित्तीय रिपोर्ट दाखिल नहीं करेंगे, उन्हें लिखित रूप में ऐसा न करने का कारण बताना होगा और वे निर्धारित प्रारूप में सीडी या पेन ड्राइव के साथ हार्ड कॉपी प्रारूप में रिपोर्ट दाखिल करना जारी रख सकते हैं।
एक साल से हो रहा था काम
राजनीतिक फंडिंग और व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए सफाई, कार्रवाई और अनुपालन की सुनिश्चितता के लिए आयोग मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के दिशा निर्देशन में एक साल से काम कर रहा था।
कहा तो यह भी जा रहा है कि यह कदम पोल पैनल की “3 सी रणनीति” का ही हिस्सा है।
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