अठारहवीं लोकसभा (Eighteenth Lok Sabha) में अध्यक्ष (Speaker) पद के चुनाव (Election) पर आज विपक्षी इंडी गठबंधन (Opposition Indi Alliance) और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) की एकता की अग्निपरीक्षा भी होगी। जरूरत पड़ने पर मत विभाजन भी होगा। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने ओम बिरला (Om Birla) को उम्मीदवार बनाया है। उपाध्यक्ष पद पर आम सहमति न बनने की सूरत में विपक्ष ने कांग्रेस (Congress) सांसद के. सुरेश (MP K. Suresh) को मैदान में उतारा है। भाजपा-कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
संख्या बल की दृष्टि से भाजपा की अगुवाई वाले राजग को बहुमत हासिल है। राजग के पक्ष में 293 सांसद हैं। यह आंकड़ा जीत के लिए जरूरी संख्या से 21 ज्यादा है। ओम बिरला यदि लोकसभा अध्यक्ष पद पर आसीन होते हैं तो दो दशक से अधिक समय में दूसरा कार्यकाल पाने वाले पहले अध्यक्ष होंगे। बिरला राजस्थान के कोटा से तीसरी बार सांसद बने हैं। 23 नवंबर 1962 को जन्मे बिरला तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं। सुरेश केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की मावेलीक्करा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद हैं। चार जून, 1962 को जन्मे सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक हैं।
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कैसे होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव?
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव साधारण बहुमत से होता है, यानी चुनाव के समय लोकसभा में मौजूद सभी सांसद वोट करेंगे। वर्तमान सांसदों की संख्या के अनुसार, जो भी 50 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करेगा, उसे लोकसभा अध्यक्ष चुना जाएगा। सदन में एनडीए का बहुमत है। इसलिए, यह उम्मीद नहीं है कि ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष नियुक्त करने में सत्तारूढ़ दल को कोई कठिनाई होगी।
आजादी के बाद पहली बार वोटिंग
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही देश में लंबे समय से चली आ रही परंपरा भी टूट गई है। आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद पहली बार स्पीकर के लिए वोटिंग होगी। इस चुनाव के साथ ही पिछली 16 लोकसभाओं से चली आ रही परंपरा भी टूट जाएगी।
जानिए किसके पास कितने सांसद
लोकसभा में कुल सांसदों की संख्या 543 है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं। वहीं, एनडीए के पास कुल 293 सांसद हैं। इंडी गठबंधन की बात करें तो उनके पास कुल 233 सांसद हैं। वहीं, सात सांसद ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक लोकसभा में शपथ नहीं ली है। जिसमें इंडी गठबंधन के 5 सांसद शामिल हैं। जिसके चलते ये सभी सांसद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते। अन्य के पास 14 सीटें हैं और एक सीट खाली है। यह सीट राहुल गांधी के वायनाड सीट से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है। यहां उपचुनाव होने वाला है।
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