शिंदे समूह के लिए 11 अक्टूबर बहुत महत्वपूर्ण दिन है। क्योंकि शिंदे समूह को 11 अक्टूबर चुनावी चिन्ह मिलेगा। चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को अपना विकल्प पेश करने के लिए 11 अक्टूबर की सुबह 10 बजे का समय दिया था। इसी तरह शिंदे समूह ने चुनाव आयोग के समक्ष 3 चिह्नों का एक विकल्प पेश किया है। इन तीनों विकल्पों को शिंदे समूह ने ईमेल के जरिए चुनाव आयोग को सौंपा है।
शिंदे समूह द्वारा प्रस्तुत चुनावी चिन्हों में चिह्न के बारे में आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। कहा जा रहा है कि शिंदे समूह की ओर से चुनाव आयोग को दो ईमेल भेजे गए हैं। पहले ईमेल के जरिए, शिंदे समूह द्वारा तीन विकल्प का सझाव दिए गए थे। त्रिशूल, मशाल और उगता सूरज। जबकि दूसरे ईमेल में तीन चिह्न प्रस्तुत किए गए थे जिनमें तीन विकल्प शामिल करने की बात कही गई है- ढाल-तलवार, सूरज, पिंपल का पेड़।
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तीन चुनावी चिह्न क्या थे?
इस बीच चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक शिंदे समूह ने तीन चुनाव चिह्न भी सौंपे थे। इसमें तीन विकल्प दिए गए थे जैसे उगता सूरज, त्रिशूल और मशाल। जबकि ठाकरे गुट की शिवसेना ने तीन चुनाव चिन्ह प्रस्तुत किए हैं, जिसमें तीन विकल्प दिए गए हैं, उगता हुआ सूरज, मशाल और त्रिशूल। लेकिन चूंकि दोनों समूहों द्वारा प्रस्तुत किए गए चिह्नों में से दो समान थे, इसलिए यह किसी को नहीं दिया गया था। चुनाव आयोग ने गदा के चिन्ह को खारिज करते हुए दूसरा विकल्प देने को कहा था। शिंदे समूह ने ईमेल के माध्यम से आयोग को तीन चुनावी चिन्ह सौंपे हैं।