Emergency: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने 12 जुलाई (शुक्रवार) को कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 1975 में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
पीएम मोदी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “25 जून को #संविधानहत्यादिवस के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि जब भारत के संविधान को रौंदा गया था, तब क्या हुआ था। यह हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जिसने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले, जो भारतीय इतिहास का एक काला दौर था।”
25 जून को #SamvidhaanHatyaDiwas देशवासियों को याद दिलाएगा कि संविधान के कुचले जाने के बाद देश को कैसे-कैसे हालात से गुजरना पड़ा था। यह दिन उन सभी लोगों को नमन करने का भी है, जिन्होंने आपातकाल की घोर पीड़ा झेली। देश कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप… https://t.co/mzQFdQOxZW
— Narendra Modi (@narendramodi) July 12, 2024
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लोकसभा चुनाव के नतीजे
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 18वीं लोकसभा के गठन के बाद आपातकाल विवाद फिर से गरमा गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में आपातकाल की निंदा की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए आपातकाल की निंदा की। उन्होंने कहा, “भारत के संविधान ने अपने निर्माण और कार्यान्वयन के दौरान आने वाली सभी बाधाओं का सामना किया। इसने उन हमलों को भी मात दी, जिनका सामना इसे स्वतंत्रता के बाद 50 साल पहले देश में लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल के रूप में करना पड़ा।”
25जून 1975 वह काला दिवस था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही मानसिकता ने हमारे संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या कर देश पर ‘आपातकाल’ थोपा था। केंद्र सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
यह दिवस हमारे सभी…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 12, 2024
संविधान हत्या दिवस का जिक्र
संविधान हत्या दिवस का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता का परिचय देते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।
अपार योगदान की याद दिलाएगा
यह दिन हमें उन सभी लोगों के अपार योगदान की याद दिलाएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल की अमानवीय पीड़ा झेली थी।” केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट किया, “25 जून 1975 वह काला दिन था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की “तानाशाही मानसिकता” ने संविधान में निहित लोकतंत्र की “हत्या” करके देश पर आपातकाल थोप दिया था।”
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