आज से शुरु हो रहे संसद के विशेष सत्र (special session) के बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ये सत्र बहुत छोटा है, लेकिन बहुत मूल्यवान है। समय के हिसाब से ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है। मेरा आग्रह है कि छोटे सत्र में ज्यादा समय सकारात्मकता में व्यतीत हो।
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने अपने संबोधन की शुरुआत में हाल ही में हुई कुछ ऐतिहासिक उपलब्धियों का जिक्र करते कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता को पूरे विश्व ने देखा। इस प्रकार की उपलब्धि को विज्ञान से जोड़ कर देखा जाता है। तब इससे देश के लिए अनेक अवसर खड़े होते हैं। जी 20 की सफलता, भारत की विविधता का सेलिब्रेशन बन गया ।
हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने
हमें इस बात का गर्व है कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने। G-20 और दिल्ली घोषणा (Delhi declaration) का सर्वसम्मति से पारित होना भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत हैं। 17 सितंबर को देश के विश्वकर्मा समाज को प्रशिक्षण, आधुनिक टूल आदि की सुविधाएं प्रदान कर उन्हें आर्थिक दृष्ट से संबल देने की पहल और नई दिल्ली में यशोभूमि जैसे उपक्रम हुए, जिससे देश में उत्सव का माहौल है। सारा देश एक नया आत्मविश्वास अनुभव कर रहा है।
नई ऊर्जा और नये विश्वास से करें नये सदन में प्रवेश
नयी संसद भवन का जिक्र करते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई संसद (new parliament) की विशेषता यह कि इस नये मुकाम से आजादी के 75 साल की यात्रा आगे बढ़ रही है। हमें यह दृढ़ संकल्प लेना है कि नई ऊर्जा, नये विश्वास से भारत को विकसित राष्ट्र बनाकर ही रहना है। ये सब ऐतिहासिक पहल इस नये संसद भवन में होंगे। मैं आशा करता हूं कि हम सभी पुरानी बुराइयों को छोड़कर नई ऊर्जा, नये विश्वास से 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन सदन में प्रवेश करेंगे। मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि नये सदन में अच्छाइयों और सार्थक पहल से आगाज करें। कल गणेश चतुर्थी का दिन है गणेश जी विघ्नहर्ता हैं। गणेश जी सभी बाधाओं को दूर करेंगे।
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