एक साल से अधिक समय से जारी किसानों का आंदोलन तो खत्म हो गया है, लेकिन दिल्ली से सटे बॉडर्स को यातायत के लिए पूरी तरह अभी खुलने की संभावना नहीं है।
नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनएचएआई ने बताया दिल्ली-गजियाबाद को जोड़ने वाला गाजीपुर बॉर्डर और नेशनल हाइवे 44- सिंघु बॉर्डर किसानों के आंदोलन के कारण बंद थे। अब किसान इन स्थानों से जा चुके हैं और बचे हुए तंबू तथा जत्थे भी एक-दो दिन में हट जाएंगे, लेकिन ये दोनों बॉर्डर जनवरी तक ही खुल पाएंगे। इसका कारण यह है कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने जो पक्के बैरिकेड बनाए हैं, उन्हें हटाने के साथ ही मरम्मत के काम पूरा होने के बाद ही ये खोले जाएंगे।
एनएचएआई ने दी जानकारी
एनएचएआई ने बताया की किसानों के पूरी तरह हटने के बाद सीमा का निरीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही एनएच को हुए नुकसान की मरम्मत भी की जाएगी। इन सब काम में समय लगेगा और नए साल की जनवरी में ही लोग इस पर सफर कर पाएंगे।
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किसानों के अधिकांश मांगें पूरी
बता दें कि किसानों के कृषि कानूनों के रद्द करने से लेकर एमएसपी गारंटी देने तक की सभी मांगें सरकार ने सैद्धांतिक रुप से मान ली है। कृषि कानूनों को शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 29 नवंबर को रद्द कर दिया गया है।