मुंबई समेत राज्य के कुछ जिलों में स्कूल 24 जनवरी को फिर से खुल गए हैं। हालांकि, नियमों में विसंगतियां हैं और स्कूल तथा विद्यार्थी भ्रमित हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने 23 जनवरी को कहा कि अगर कोई छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित है तो उसे स्कूल से छुट्टी दे दी जाए।
उधर, राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि छात्रों को स्कूल भेजने की कोई बाध्यता नहीं है। आदित्य ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल न भेजें, अगर उन्हें लगता है कि यह जोखिम भरा है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल जाने को लेकर बच्चे और माता-पिता को फैसला लेना चाहिए। इससे स्कूलों और अभिभावकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
भाजपा ने साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी नेता अतुल भातखलकर ने सरकार की कथित बयानबाजी की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य का हर मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझता है। उन्होंने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा दिए गए बयान पर भी पलटवार किया। अतुल भातखलकर ने ट्वीट किया, “पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे विरोधाभासी बयान देते हैं कि स्कूल शुरू किया जाना चाहिए और बच्चों को उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। महाविकास आघाड़ी सरकार के राज में हर मंत्री अपने आप को मुख्यमंत्री समझता और मुख्यमंत्री घर बैठे दिल्ली पर आक्रमण करते हैं।”
शाळा सुरू ही करायच्या आणि मुलांना उपस्थितीचे बंधन नाही असे परस्पर विरोधी विधान पर्यटनमंत्री आदित्य ठाकरे यांनी करायचे.
महाविकास आघाडी सरकारच्या राज्यात प्रत्येक मंत्री स्वतःला मुख्यमंत्री समजतो आणि मुख्यमंत्री घरात बसून दिल्लीवर स्वारी करणार आहेत. pic.twitter.com/ZwtIDpvvwG— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) January 24, 2022
‘दिल्ली को चाहिए शिवसेना जैसी पार्टी’
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “यह देश हमारे आधिपत्य में होना चाहिए और अगर हम आज चुप रहे, तो यह देश गुलाम हो जाएगा। अगर हमें भाजपा के इस आपातकाल को तोड़ना है, तो हमें दिल्ली में शिवसेना जैसी पार्टी की जरूरत है। इसके लिए, आइए हम महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों से लेकर लोकसभा तक के सभी चुनाव जीतने का दृढ़ संकल्प लें। इसमें अन्य राज्यों में शिवसेना का विस्तार भी शामिल है।”
शिवसेना का विस्तार होता तो..
उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा, “क्या सच होगा बालासाहेब ठाकरे का दिल्ली पर कब्जा करने का सपना? अगर ऐसा नहीं होता है तो कोई मतलब नहीं है। अगर पार्टी का देश भर में विस्तार होता, तो आज शिवसेना का प्रधानमंत्री होता।”
ये नेता रहे उपस्थित
दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जयंती पर उद्धव ठाकरे ने ऑडियो-विजुअल माध्यम से राज्य भर के शिवसैनिकों को संबोधित किया। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, सांसद संजय राउत, विनायक राउत आदि उपस्थित रहे।