-अमन दुबे
F-35 stealth fighters: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार (13 फरवरी) को अमेरिका के दौरे (US visit) पर थे। उन्होंने व्हाइट हाउस (White House) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से मुलाकात की। इस दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
इसमें ट्रंप ने भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान (F-35 stealth fighters) देने का ऐलान किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत में अरबों डॉलर की सैन्य बिक्री बढ़ाएगा और उनका प्रशासन भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान देने के लिए काम कर रहा है।
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F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान कैसा है?
F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान का निर्माण अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा किया गया है। यह अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है। इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू जेट ने इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु के येलहांका वायुसेना स्टेशन पर आयोजित एयरो इंडिया के 15वें संस्करण में भाग लिया था।
- एफ-35 में प्रौद्योगिकी
दुश्मन के रडार को आसानी से चकमा देने की क्षमता। - एफ-35 में 1.6 स्पीड
ध्वनि की गति से 1.6 गुना अधिक गति से उड़ने की क्षमता। - हेलमेट पर लगा डिस्प्ले
एक परिष्कृत प्रणाली, जो पायलट को 360 डिग्री का दृश्य प्रदान करती है। - बहु-भूमिका क्षमताएं
हवा से हवा, हवा से जमीन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में कुशल। - अत्याधुनिक हथियार
हवाई और जमीनी हमलों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मिसाइलें।
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लागत और रखरखाव
F-35 की कीमत प्रति यूनिट 80-110 मिलियन डॉलर है, जो Su-57 ($35-50 मिलियन) से ज्यादा है। हालांकि, इसकी रसद और आपूर्ति श्रृंखला व्यवस्था वैश्विक स्तर पर स्थापित है।
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आधुनिक युद्ध के लिए बेहद प्रभावी
F-35 की मुख्य ताकत इसकी स्टील्थ तकनीक, मल्टीरोल क्षमता और डेटा एकीकरण है, जो इसे आधुनिक युद्ध के लिए बेहद प्रभावी बनाती है। हालांकि, इसकी उच्च लागत और सीमित सुपर क्रूज क्षमता चुनौतियां हैं। भारत जैसे देशों के लिए, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और राजनीतिक संबंध भी महत्वपूर्ण निर्णायक कारक होंगे।
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मिलकर आतंकवाद का मुकाबला
प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस साल से हम भारत को सैन्य बिक्री कई अरब डॉलर तक बढ़ाएंगे। हम भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिससे अमेरिका भारत को तेल और गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि भारत और अमेरिका दुनिया भर में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए ‘पहले की तरह’ मिलकर काम करेंगे।
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क्या फैसला लेगी मोदी सरकार?
Su-57 और F-35 में से किसी एक को चुनना भारत सरकार के लिए आसान नहीं होगा। दोनों ही 5वीं पीढ़ी के विमान हैं और काफी उन्नत हैं। तकनीकी रूप से इन दोनों में से किसी एक को चुनना मुश्किल है और साथ ही अमेरिका तथा रूस के बीच व्यापारिक संबंध बिना किसी मनमुटाव के सुचारू रूप से चलते रहें, इसलिए यह चयन थोड़ा जटिल हो जाता है। दरअसल, यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया से अलग-थलग पड़े रूस को इस समय अपने व्यापारिक साझेदारों की सख्त जरूरत है, वहीं डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का भी डर है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इन दोनों देशों को कैसे खुश कर पाता है।
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मोदी मुझसे बेहतर निगोशिएटर
राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह मुझसे कहीं अधिक सख्त वार्ताकार हैं और मुझसे कहीं अधिक अच्छे वार्ताकार भी हैं। यहां कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।
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