सियासत में आफत काल!

13 दिसंबर को सीएम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्या देश में आपात काल लागू है, इसके जवाब में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि जो देश-दुनिया के मुद्दों पर बोल रहे हैं, उन्होंने महाराष्ट्र में कौन -सा विकास की मिसाल पेश कर दी है।

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महाराष्ट्र की सियासत में आपात काल आफत काल में बदल गया है। इसे लेकर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है। 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि क्या देश में आपात काल लागू है, इसके जवाब में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि जो देश-दुनिया के मुद्दों पर बोल रहे हैं, उन्होंने महाराष्ट्र में कौन -सा विकास का परचम लहरा दिया है।

नहीं रुकी किसानों की आत्महत्या
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे को दिल्ली के बारे में न बोलकर महाराष्ट्र के मुद्दे पर बोलना चाहिए। क्या महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या रुकी हैष महाराष्ट्र के मुद्दों पर कुछ बोलने पर वो दिल्ली के बारे में बोलने लगते हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए दिल्ली पर आरोप मढ़ना उचित नहीं है।

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शीत सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्ष का आक्रामक रुख
बता दें कि 14 दिसंबर से महाराष्ट्र का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है। इसके पहले दिन विरोधी पक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया और सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। विधानमंडल के सामने विपक्ष ने 14 दिसंबर को भी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शीतकालीन अधिवेशन की पूर्व संध्या पर फडणवीस ने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए सररकार की आलोचना की थी। मराठा आरक्षण, बिजली बिल और निसर्ग चक्रवात जैसे मुद्दों पर उन्होंने सरकार को घेरने की कोशिश की। फडणवीस ने कहा कि मात्र 6-7 घंटे के लिए सत्र आयोजित किया जा रहा है। हमारी मांग थी कि अधिवेशन नागपुर में होना चाहिए, लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना।

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