Fake video case: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah) की जनसभा का वीडियो(Video of public meeting) एडिट कर वायरल करने के दो आरोपितों को साइबर क्राइम ब्रांच(Cyber Crime Branch) ने 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया है। इसमें एक आरोपित कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी(Congress MLA Jignesh Mevani) का पीए है, जबकि दूसरा आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का कार्यकर्ता है। दोनों आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
वीडियो एडिट कर गलत तरीके से वायरल करने का आरोप
जानकारी के अनुसार अमित शाह की पालनपुर और लीमखेड़ा में आयोजित जनसभा की वीडियो को गलत रूप से एडिट कर वायरल किया गया। इसमें आरक्षण के संबंध में गलत प्रचार किया गया। इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पुलिस ने सतीश वनसोला और आरबी बारिया नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित सतीश कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का पीए है, जबकि आरबी बारिया आआपा का कार्यकर्ता है।
कौन हैं आरोपी?
साइबर क्राइम के डीसीबी लविना सिन्हा ने बताया कि अहमदाबाद सिटी पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच में एक सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल है। इसमें सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाती है। गृह मंत्री की जो स्पीच थी, उसे गलत रूप से एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। इसमें दो प्रोफाइल होल्डर सतीश वनसोला और राकेश बारिया ने अपने फेसबुक सोशल मीडिया हैंडल से इस एडिटेड वीडियो को वायरल किया। इसके तहत अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 29 अप्रैल को एक प्राथमिकी धारा 153 ए, 171 जी, 469, 505 (2) के अनुसार दर्ज की थी। आरोपित सतीश मूल पालनपुर और दूसरा आरोपित राकेश दाहोद के लीमखेड़ा का निवासी बताया गया है। दोनों के फोन कब्जे में लेकर एफएसएल में भेजा जाएगा।
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जिग्नेश मेवाणी ने क्या कहाः
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी का कहना है, “मैं अपने जीवन में कभी भी फर्जी वीडियो या फर्जी प्रचार का समर्थक नहीं हो सकता। मैं ऐसे सभी कार्यों की निंदा करता हूं…लेकिन चुनाव के दौरान किसी को भी चुनिंदा तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए…सतीश मेरे भाई की तरह हैं और मुझे इस पर गर्व है। उसके जैसा दोस्त। लेकिन वह ऐसा व्यक्ति नहीं है जो जानबूझकर बुरे इरादे से कुछ करता है। मैं उसे 6 साल से करीब से जानता हूं।”