Farmers Protest: पंजाब में किसानों का आंदोलन कितना लंबा चलेगा, इसको लेकर यूनियनों के बीच भतभेद(Differences among farmer unions) सामने आ रहे हैं । पंजाब की मान सरकार(Mann Sarkar of Punjab) द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन देने के कारण दूसरे राज्यों के किसान आंदोलन से अपने हाथ पीछे कर रहे हैं । भारतीय किसान संघ(Indian Farmers Union) ने राजस्थान(Rajasthan) के किशनगढ़ में अपनी आम सभा में प्रस्ताव पारित(resolution passed in Meeting) किया है । इस प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी भी स्तर पर हिंसक आंदोलन को प्रोत्साहन, समर्थन और मदद कहीं से भी नहीं मिलनी चाहिए। दरअस्ल हिंसक आदोलन के प्रति शासन , प्रशासन और लोगों की सोच बदल गई है ।
कब तक चलेगा किसान आंदोलन?
देश में जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं। लेकिन किसान यूनियन ने केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजनीतिक पैंतरेबाजी चल दी है। आंदोलन में ऐसी तैयारी की गई कि दिल्ली पर चढ़ाई करनी है । वर्ष 2021 में किसानों को दिल्ली में अपना आंदोलन करने के लिए अनुमति दी गई थी । लेकिन इस बार केन्द्र सरकार ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है , कंटीले तार लगाए गए हैं , बैरिकेडिंग की गई है और बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। पंजाब -हरियाणा सीमा बार्डर , सिंघु,टीकरी , गाजीपुर और गौतमबुद्व नगर की सीमाओं पर सुरक्षा बड़ा दी गई है । किसान पंजाब से हरियाणा नही पहुंच सके। किसान यूनियन की आंदोलन को हिंसक बनाने की योजना सफल नहीं हो पाई।
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किसान नेताओं के बदले सुर
राजस्थान के किसान नेता रामपाल जाट कहते हैं कि किसान किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता है । किसान को अच्छी आय प्राप्त हो इसके लिए खेती में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए। साथ ही किसान सम्मान निधि की राशि में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए । किसान नेताओं का कहना है कि ये आंदोलन महज पंजाब तक ही सिमट कर रह गया है ।