क्या अपराधियों के हाथ हो गया है किसान यूनियन आंदोलन? पढ़ें कब क्या हुआ?

किसान यूनियन आंदोलन को सात महीने हो गए हैं। परंतु, अब तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। इस बीच आंदोलन स्थल के आसपास के गांव और शहर इससे परेशान हो गए हैं।

180

किसान यूनियन का आंदोलन छल, बल, अपराध और षड्यंत्र का केंद्र हो गया है। 17 जून 2021 को हरियाणा के कसार गांव के बाहर एक व्यक्ति पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर जीवित ही जला दिया गया। इसके कारण अब आंदोलन के कारण आवागमन, व्यापार और सुरक्षा को लेकर दिक्कत महसूस कर रहे स्थानीय लोग सड़कों पर आ गए हैं।

झज्जर जिले का कसार गांव आक्रोषित है। आरोप है कि किसान आंदोलन में ब्राम्हणों की सहभागिता न रहने पर गांव के मुकेश शर्मा नामक व्यक्ति को चार लोगों ने जीवित आग के सुपुर्द कर दिया। इसमें मुख्य आरोपी कृष्णा हरियाणा के जिंद का रहनेवाला है और किसान यूनियन आंदोलन में सम्मिलित रहा है। हालांकि, आंदोलनकारी नेता इसे मानने को तैयार नहीं हैं और वे इसे आत्महत्या बता रहे हैं।

ये भी पढ़ें – अब अमेरिका से षड्यंत्र निशाने पर योगी! जानें पूरा खेल

यह पहली बार नहीं है जब किसान यूनियन के आंदोलन में आपराधिक घटनाएं या साजिश हो रही हों। इन पर दृष्टि डालना आवश्यक है…

⇒10 दिसंबर, 2021 को किसान यूनियन आंदोलन स्थल पर खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी हुई। किसान नेताओं ने इस घटना के बाद अपने आपको इससे अलग कर लिया था।

⇒23 जनवरी, 2021 को एक संदिग्ध को पकड़कर किसान नेताओं ने दावा किया था कि वह नेता की हत्या करने आया था। प्रेस कॉन्फ्रेन्स में किसान नेताओं ने उसे समाचार माध्यमों के समक्ष पेश किया, जहां उसने अपनी योजना और उसके साथ शामिल लोगों के बारे में बताया लेकिन पूछे गए प्रश्नों में उलझ गया। इस बीच उसे पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया तो उसकी पहचान योगेश के रूप में हुई और वह सोनीपत के न्यू जीवन नगर का निवासी पाया गया। योगेश ने पुलिस के सामने किसान नेताओं पर जबरदस्ती बयान देने का आरोप लगाया।

⇒26 जनवरी, 2021 को गणतंत्र दिवस परेड के समय किसान यूनियन ने ट्रैक्टर परेड किया। इसमें पुलिस और आंदोलनकारी नेताओं के बीच एक मार्ग निश्चित किया गया। परंतु, उस मार्ग का उल्लंघन करके ट्रैक्टर परेड को लालकिला की तरफ मोड़ दिया गया। गणतंत्र दिवस के दिन की जा रही इस परेड में बड़े स्तर पर तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति को क्षति, पुलिस कर्मियों पर हमले और लालकिले पर धार्मिक झंडा लहराने का खेल खेला गया।

इसमें 86 पुलिस कर्मी घायल हुए थे जिसमें से 45 को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा। इस आंदोलन ने गणतंत्र दिवस और राष्ट्र की गौरव गाथा के अध्याय को अराजकता से मलिन करने का पूरा प्रयास किया। जबकि कनाडा और अमेरिका में बैठे खालिस्तानियों के मोहरे लक्खा सिधाना जैसे अपराधियों ने हिंसा में कोई कमी नहीं छोड़ी।

⇒23 फरवरी, 2021 को बहादुरगढ़ मेन बाजार के एसके ज्वेलरी शॉप में तीन युवकों ने डकैती का प्रयास किया। इसके विरोध में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं। दो आरोपियों को लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा था। ये तीनों आरोपी किसान यूनियन आंदोलन में सम्मिलित थे और आरोप था कि ये वहीं रहते थे और अपराधों को अंजाम देते थे।

⇒25 मार्च, 2021 को पंजाब के किसान हाकम सिंह का शव सेक्टर 9 बाइपास से बरामद किया गया था। वह बठिंडा का रहनेवाला था। इस प्रकरण में हाकम सिंह की भाभी कर्मजीत कौर और कुलवंत को गिरफ्तार किया गया था। परंतु, आंदोलन स्थल पर अपराध किया जाना इसमें सम्मिलित होनेवाले लोगों के आचरण को लेकर संशय उत्पन्न करता है।

ये भी पढ़ें – महाराष्ट्रः शिवसेना के स्थापना दिवस पर क्या बोलेंगे उद्धव ठकरे?

⇒3 अप्रैल, 2021 को गुरप्रीत नामक एक युवक का शव बरामद हुआ था। इस प्रकरण में खुलासा हुआ कि रात साढ़े नौ बजे गुरप्रीत और उसके गांव के रणबीर उर्फ सत्ता ने शराब पी थी। इस बीच पैसे को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। जिसमें सत्ता ने गुरप्रीत पर लाठी से हमला कर दिया। आंदोलन में सम्मिलित किसानों ने इस प्रकरण को छुपाने का प्रयत्न किया परंतु गुरप्रीत को गंभीर चोटें आई थीं जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई।

⇒12 अप्रैल, 2021 को पश्चिम बंगाल की एक युवती दिल्ली सीमा पर किसान यूनियन आंदोलन में सम्मिलित होने आई थी। उसके साथ अनिल मलिक, अनूप चनौत, अंकुर सांगवान ने दुष्कर्म किया और वीडियो बनाया। इस साजिश में जगदीश बराड़ और एक महिला भी शामिल थी। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.