किसान आंदोलन को समर्थन देने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार की सच्चाई सामने आ गई है। इस प्रदेश से किसानों की बार-बार शिकायत आ रही है कि उनकी फसलें खुले में पड़ी हैं, लेकिन पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने में देरी कर रही है। ऐसी ही शिकायत एक और किसान ने की है।
ट्वीट कर की शिकायत
सुखदेव सिंह नाम के इस किसान ने ट्वीट कर शिकायत करते हुए लिखा है कि यहां कभी भी बारिश हो सकती है और मेरी पूरी फसल बर्बाद हो सकती है। सरकार इस बात को समझते हुए भी नासमझ बनी हुई और वह मेरी फसल को खरीदने में देरी कर रही है। लुधियाना से इस किसान द्वारा की गई इस शिकायत के बाद पंजाब की कांग्रेस सरकार की पोल खुल गई है।
Ludhiana | Farmers fear crop damage due to delay in procurement.
My crop is lying in the open sky at mandi. There are no arrangements for preventing our produce from rain. Govt is lying. If rain comes, my crop will wash away: Sukhdev Singh, a farmer pic.twitter.com/GJH73VpHQZ
— ANI (@ANI) April 18, 2021
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शिकायत गलतः मंत्री, पंजाब सरकार
इस किसान की शिकायत पर पंजाब सरकार के खाद्य व आपूर्ति मंत्री भारत आशु ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शहर में फसलों की सुरक्षा के लिए सभी तरह के प्रबंध किए गए हैं। सरकार पहले ही किसानों से 25-28 लाख एमटी टन फसल खरीद चुकी है और हमें हर दिन 8-9 लाख एमटी टन की फसल प्राप्त हो रही है।
There is no shortage of bardana in mandis. Around 25-28 lakh MT tonne crops have already been procured. We are receiving 8-9L MT tonne crops daily: Punjab Food & Supply Minister Bharat Bhushan Ashu pic.twitter.com/71aEZFnmVj
— ANI (@ANI) April 18, 2021
तस्वीरें झूठ नहीं बोलतीं
हालांकि किसान सुखदेव सिंह ने जो तस्वीरें पेश की हैं, उन्हें देखकर कोई भी कह सकता है कि उनकी फसल खुले में रखी गई है और बारिश होने पर उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पंजाब सरकार की दोहरी नीति उजागर
बता दें कि पिछले 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगातार प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों के इस आंदोलन को पंजाब की कांग्रेस सरकार का पूरा-पूरा समर्थन प्राप्त है, लेकिन उसके ही प्रदेश में किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं, साथ ही उनकी खरीदी में देरी की जा रही है। यह पंजाब सरकार की दोहरी नीति का पुख्ता प्रमाण है।