Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर पंजाब पुलिस ने की यह कार्रवाई, जानें अब तक क्या हुआ

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच चल रहे गतिरोध के बीच पुलिस की यह कार्रवाई हुई है।

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Farmers Protest: पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने 19 मार्च (बुधवार) को पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा (Punjab-Haryana Shambhu border) से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया और प्रदर्शन स्थल पर बनाए गए अस्थायी ढांचों को गिरा दिया। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (indefinite hunger strike) पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) और किसान मजदूर मोर्चा (Kisan Mazdoor Morcha) के नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarwan Singh Pandher) समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच चल रहे गतिरोध के बीच पुलिस की यह कार्रवाई हुई है।

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शंभू और खनौरी बॉर्डर को फिर से खोलना जरूरी
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर को फिर से खोलना जरूरी था, जो एक साल से ज्यादा समय से बंद हैं। चीमा ने दोहराया कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार से हैं, राज्य सरकार से नहीं और उन्होंने किसानों से अपना विरोध दिल्ली में स्थानांतरित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जब व्यापार फिर से शुरू होगा, तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे नशे से दूर रहेंगे। पंजाब के लोगों ने तीन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों का समर्थन किया। लेकिन अब, सड़कों को अवरुद्ध रखना राज्य को नुकसान पहुंचा रहा है।”

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कार्रवाई की आलोचना
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई की आलोचना की है। कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने केंद्र और आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार दोनों पर किसानों के आंदोलन को अलग-थलग करने और कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि हिरासत में लिए जाने से पहले नेताओं को बातचीत के वादे से गुमराह किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए पुलिस कार्रवाई को अत्यधिक बताया और सरकार से किसानों को दबाने के बजाय उनके साथ खड़े होने का आग्रह किया।

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शिरोमणि अकाली दल ने क्या कहा
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने सीएम पर विश्वासघात का आरोप लगाया और दावा किया कि मौजूदा सरकार के तहत पंजाब में कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं करता है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि आप सरकार लुधियाना पश्चिम उपचुनाव से पहले राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। इस बीच, चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बैठक को “सकारात्मक” बताया गया, जिसमें अगले दौर की वार्ता 4 मई को निर्धारित की गई है।

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