कर्नाटक में हिजाब पर मचे बवाल ने देश में बहस छेड़ दी है। इस मुद्दे पर महिला सांसद भी अपनी राय व्यक्त कर रही हैं। मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं और वहां धार्मिक मामलों को इस तरह नहीं उठाया जाना चाहिए। हर स्कूल में एक यूनिफॉर्म होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। स्कूल के बाहर जो चाहें पहनावा हो, इसके लिए व्यक्ति स्वतंत्र हैं।
वहीं, मांड्या से सांसद सुमलता अंबरीश ने कहा कि युवा, मासूमों के दिमाग में जहर घोलने के लिए राजनीति की जा रही है। यदि उस विशेष कॉलेज या स्कूल में शुरू से ही कुछ दिशा-निर्देश हैं, तो यह मुद्दा अभी क्यों उठ रहा है? छात्रों के भविष्य के साथ कौन खेल रहा है? इस बारे में जानकारी प्राप्त कर ऐसे लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
जिहादी अराजकता फैलाने का एक षड्यंत्र
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कहा है कि कर्नाटक के उडुपी से प्रारंभ हुआ हिजाब विवाद वास्तव में हिजाब की आड़ में जिहादी अराजकता फैलाने का एक षड्यंत्र है। हिन्दू समाज और देश के जागरूक नागरिक उनके इन षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देंगे। विहिप ने कहा कि जिहादी, हिजाब की आड़ में अराजकता फैलाने से बाज आएं।
अराजकता फैलाने का षड्यंत्र
विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री और रोहतक स्थित हिन्दू महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र जैन ने 9 फरवरी को अपने बयान में कहा कि उडुपी के एक विद्यालय में 6 लड़कियों के विद्यालय का निर्धारित गणवेश न पहनने की नाजायज जिद ने एक चिंगारी का रूप धारण कर लिया। पीएफआई जैसे कट्टर इस्लामिक संगठन संपूर्ण कर्नाटक में अराजकता निर्माण करने का एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे हैं। बागलकोट जैसे कई स्थानों पर जिहादियों की पत्थरबाजी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। हिन्दू समाज एवं देश के जागरूक नागरिक उनके इन षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देंगे।