स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर एक फिल्म, निर्देशक महेश मांजरेकर बनाने जा रहे हैं। इस फिल्म के निर्माण के पहले ही विरोध शुरू हो गया है। यह विरोध वीर सावरकर के निष्ठावानों द्वारा किया जा रहा है। इन लोगों को आशंका है कि, फिल्मी तड़के के चक्कर में निर्माता, निर्देशकों द्वारा स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विषय में फिल्म में कोई टिप्पणी या आक्षेपार्ह्य चित्रण न कर दिया जाए।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर की 138वीं जयंती पर लेखक संदीप सिंह ने लिखा था, आजादी के इतिहास की पूरी बात जानना अभी बाकी है, मिलिए, स्वातंत्रवीर सावरकर से… इसे लेकर सभी में उत्साह था कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विषय में विश्व को नई जानकारियां प्राप्त होंगी। लेकिन, वीर सावरकर प्रेमियों में इसको लेकर एक आशंका उत्पन्न हो गई है, जिससे यह फिल्म बनने से पहले ही विवादों में घिरती दिख रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है, स्वातंत्र्यवीर सावरकर के नाम को “स्वातंत्रवीर” के रूप में उल्लेखित करना। वीर सावरकर स्नेहियों का कहना है कि, जब नाम में ही त्रुटि हो तो फिल्म का क्या हाल होगा?
तो फिल्म चलने नहीं देंगे – कैप्टन सिंकदर रिजवी, अध्यक्ष -हिंदू राष्ट्र शक्ति
स्वातंत्र्यवीर सावरकर हमारे लिए पूज्य हैं, उनके जीवन पर बन रही फिल्म में फिल्मी ग्लैमर जोड़ने के लिए की गई कोई छेड़छाड़ स्वीकार नहीं होगी। इसके लिए फिल्म के निर्माता, निर्देशक को वीर सावरकर जी के परिवार, उनके अभ्यासकों से विचार विमर्श करके ही आगे बढ़ना चाहिए। स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जीवन चित्रण वैसा ही होना चाहिए, जैसा रहा है, उसमें कोई नई बात गढ़ी जाएगी तो वह स्वीकार नहीं है, ऐसी स्थिति में फिल्म भी नहीं चलने देंगे।
फिल्म का विरोध न हो इसका रखें ध्यान – चिरायु पंडित, विख्यात लेखक
स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर फिल्म निर्माण हो रहा है, यह एक सकारात्मक कदम है। परंतु, निर्माता को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि, फिल्म में कोई ऐसी बात न दिखाई जाए, जिससे निर्माण के बाद विरोध शुरू हो जाए। पु.ल देशपांडे पर फिल्म निर्माण के बाद लोगों की प्रतिक्रिया थी कि, यह फिल्म ही न बनती तो बहुत अच्छा होता।
ऐसी प्रतिक्रिया यहां न मिले इसका ध्यान रखना होगा।
वीर सावरकर के परिवार से हो चर्चा – मनोज बंडोपंत कुवर, भगूरपुत्र स्वातंत्र्यवीर सावरकर समूह, भगूर
स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर फिल्म का निर्माण आनंदित करनेवाली बात है। इस फिल्म के निर्माण के समय इसका ध्यान रखना चाहिए कि, फिल्म काल्पनिक और कपोलकल्पित बातों पर आधारित न हो। इसके साथ ही इस फिल्म के निर्माण के समय वीर सावरकर के वंशजों से भी चर्चा की जानी चाहिये। जिससे फिल्म में सत्य प्रसंगों के चित्रण में सहायता मिलेगी।
सभी को विश्वास में लेना चाहिए और लेंगे – महेश मांजरेकर, निर्देशक
Join Our WhatsApp Communityफिल्म वीर सावरकर के निर्माण में सभी पक्षों से चर्चा करनी चाहिए। वीर सावरकर के परिवार, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई से संपर्क करना चाहिये, मैं इस विचार को मानता हूं और ऐसा ही होगा। मैं खुद फिल्म निर्माता को इस विषय में कहनेवाला हूं। यह फिल्म अच्छी बने, जिससे विवाद उत्पन्न न हो, यही इसके पीछे का उद्देश्य है।