उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले सिखों के प्रमुख तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए पहले जत्थे का शुभारंभ 19 मई को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट कर्नल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह यात्रा पंच प्यारों के नेतृत्व में 7 गाड़ियों के काफिले के रूप में रवाना हुई है।
क्रांतिकारी इतिहास का वर्णन
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट कर्नल गुरमीत सिंह ने सिखों के क्रांतिकारी इतिहास का वर्णन करते हुए बताया कि सिख धर्म की स्थापना ही सेवा भाव के लिए हुई है और गुरु गोविंद सिंह ने हेमकुंड साहिब में तपस्या कर पूरी दुनिया को सेवा भाव का संदेश दिया है। इसके चलते पूरे देश में सिख समाज द्वारा अपने गुरु स्थान के माध्यम से सभी धर्मों के लोगों को लगातार रहने के साथ भोजन की व्यवस्था दी जा रही है।
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यात्रा को सुगम बनाने का प्रयास
राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड साहिब की यात्रा करने से आत्म संतुष्टि होती है। गुरु गोविंद सिंह के द्वारा दिए गए संदेश का पालन भी किया जाता है। आज उन्हें इस यात्रा का शुभारंभ किए जाने का मौका मिला है, जिससे वह आनंद की अनुभूति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रयासरत हैं, जिसका लाभ इस यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को मिलेगा।
पवित्र यात्रा का शुभारंभ
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं इस पवित्र यात्रा का शुभारंभ राज्यपाल की देखरेख में कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस कार्य को करने का जो सौभाग्य मुझे मिला है ,वह बिना गुरु के आशीर्वाद के नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी ने इस राज्य की सेवा करने का जो आशीर्वाद दिया है, उसी के कारण मैं यहां उपस्थित हूं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा पर जितने श्रद्धालु आते थे, उससे ज्यादा इस बार यहां आ रहे हैं, हम सभी की सेवा करने के लिए तत्पर हैं। हमारा प्रयास है कि जितने भी यात्री यहां आने वाले हैं, सभी यात्रियों का हमारी सरकार द्वारा स्वागत कर उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
सुविधाओं की आवश्यकता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने रोपवे बनाए जाने की स्वीकृति भी दे दी है, जिसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। यानी अभी तक जो श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाते थे, वह भी इस सुविधा के शुरू होने के बाद दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सिख समाज का इतिहास क्रांतिकारी रहा है। यात्रा पर जाने से पहले सभी श्रद्धालु अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। उनका कहना था गुरु घर के बुलावे पर ही श्रद्धालु अपनी यात्रा कर सकता है। बिना उनकी इच्छा के यात्रा नहीं कर सकते। उन्होंने ट्रस्ट को आश्वासन दिया कि इस यात्रा को सफल बनाने के लिए जिन सुविधाओं की आवश्यकता होगी, वह उपलब्ध करवाएंगे।
धर्मों के स्थानों का विकास
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश भर में सभी धर्मों के स्थानों का विकास किया गया है, उनकी सरकार का प्रयास है कि सभी धर्मों के धर्म स्थलों का एक सर्किट बनाया जाए। इसके बनने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालु सभी धर्मों के स्थानों के दर्शन कर पाएंगे। उन्होंने यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पालन करते हुए ही अपनी यात्रा का शुभारंभ करें और रास्ते में होने वाली असुविधा से बचें।
मामले का समाधान
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुल रहे हैं। यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। यात्रा के पैदल मार्ग को खोल दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से हरिद्वार में ज्ञान गोदड़ी के मामले का समाधान किए जाने का भी आग्रह किया है।
कीर्तन का आयोजन
जत्थे के प्रस्थान करने से पूर्व दरबार हाल में कीर्तन का आयोजन किया गगा। इसमें कीर्तनीय रागी जत्थे तथा हेमकुंड साहिब गुरमत संगीत बाल विद्यालय के विद्यार्थी भाग लिया। उन्होंने बताया कि यात्रा के शुभारंभ अवसर पर प्रमुख धार्मिक संस्थाओं निर्मल आश्रम, जयराम अन्न क्षेत्र, श्री भरत मंदिर, मधुबन आश्रम, नानकमत्ता गुरुद्वारा तथा सिंह सभा भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी,गुरुद्वारा के अध्यक्ष ने यात्रा के मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल व महापौर अनीता ममगांईं का भी स्वागत किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।