विश्व के चार बड़े लोकतंत्र के प्रुमखों की बैठक संपन्न हुई। इसमें गठबंधन द्वारा वैश्विक भलाई के लिए कार्यों पर विशेष बल दिया गया। जिसमें जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 टीका निर्माण, तकनीकी विकास पर विशेष बल दिया गया। इस चर्चा में क्वाड को वैश्विक भलाई की शक्ति करार दिया है।
क्वाड के सदस्य राष्ट्र प्रमुखों की वर्चुअल चर्चा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने सहभाग लिया।
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मानव मूल्यों, धर्म निरपेक्षता, स्थायित्व और संपन्न इंडो-पैसिफिक के लिए करेंगे कार्य – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मैं एक सकारात्मक दृष्टि को महसूस कर रहा हूं जो पौराणिक भारतीय सभ्यता को परिलक्षित करती है। वह है ‘वसुधैव कुटुंबकम’ अर्थात जगत एक परिवार है। हम पहले से भी अधिक अपने साझा मूल्यों, धर्म निरपेक्षता, स्थायित्व और संपन्न इंडो-पैसिफिक के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे। हमारी आज की कार्य सूची टीकाकरण, जलवायु परिवर्तन, तकनीकी विकास है। जो क्वाड को वैश्विक भलाई की शक्ति बनाती है।
कोविड-19 टीका निर्माण में साझा भागीदारी
हम महत्वाकांक्षी सहयोग की शुरुआत कर रहे हैं जो टीका निर्माण को शक्ति देगा। इससे इंडो-पैसिफिक को लाभ होगा – जो बाइडेन, राष्ट्रपति, अमेरिका
Speaking at the First Quad Leaders’ Virtual Summit. https://t.co/Ypom6buHxS
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2021
21वीं सदी में इंडो-पैसिफिक विश्व की दिशा तय करेगा
यह इंडो पैसिफिक ही है जो अब 21वीं सदी में विश्व की दिशा तय करेगा। इंडो-पैसिफिक के चार बड़े लोकतंत्रों के नेता के रूप में हम अपनी भागीदारी से स्थायित्व, संपन्नता का कार्य करें। जिसमें क्षेत्र के अन्य देशों को भी सम्मिलित किया जाए – स्कॉट मोरीसन, प्रधानमंत्री, ऑस्ट्रेलिया
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क्वाड समिट एक भावनात्मक क्षण है
एक साथ कार्य कर रहे चार देशों के साथ, मैं एक स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को साकार और मजबूत करने के लिए सहयोग करना चाहता हूं – योशिहिदे सुगा, प्रधानमंत्री, जापान