सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) को लेकर 11 मई को आए अपने फैसले पर शिंदे सरकार (Shinde Government) को राहत दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी (Comment) की कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल ने कानून के खिलाफ काम किया था, जिस पर अब महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Former Governor Bhagat Singh Koshyari) का पहला बयान आया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मैं केवल संसदीय और विधायी परंपरा को जानता हूं और उसी के अनुसार मैंने उस समय जो कदम उठाए उस पर विचार किया गया. जब इस्तीफा मेरे पास आया तो मैं क्या कहता कि इस्तीफा मत दो।
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि चुनाव के वक्त नैतिकता की बात करनी चाहिए थी न कि अभी। फिर जनता के फैसले को देखकर नैतिकता की बात करते तो बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनती, लेकिन उन्होंने कुर्सी पाने का फैसला लिया।
#WATCH | Former Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari reacts on Supreme Court verdict on Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde
Supreme Court has said that the then Maharashtra Governor had acted against the law. pic.twitter.com/EgaT8yDrWY
— ANI (@ANI) May 11, 2023
शिवसेना को बचाने के लिए काम किया: सीएम शिंदे
उधर, उद्धव के इस्तीफे पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे दिया था। आप अल्पसंख्यक थे, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था कि उनकी हार होगी और फिर राज्यपाल ने सही फैसला लिया, हमने शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम किया है।
उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट तक नहीं कराया
गौरतलब हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा था कि हम एकनाथ शिंदे सरकार को अयोग्य नहीं ठहरा सकते हैं। हम पुरानी सरकार को बहाल भी नहीं कर सकते क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट तक नहीं कराया। उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया।