अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान जारी कर देश में तालिबान के सत्ता में आने से पहले काबुल छोड़ने के लिए लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अफगान के लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कभी कम नहीं हुई। गनी ने लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि वे अफगानिस्तान में युद्ध को अलग तरीके से समाप्त नहीं करा सके। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने काबुल में 60 लाख लोगों को बिना बंदूक लिए बचाने के लिए देश छोड़ा। उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि उन्होंने देश के खजाने से लाखों डॉलर नकद लेकर काबुल छोड़ा था।
गृह युद्ध से बचाने के लिए छोड़ा देश
तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी यूएई भाग गए। तालिबान के नेतृत्व में अनिश्चितता के गर्त में छोड़कर देश से भागने के लिए दुनिया भर में उनकी आलोचना की गई । उन्होंने ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा, “मैं अफगान लोगों को 15 अगस्त को तालिबान के अप्रत्याशित रूप से शहर में प्रवेश करने के बाद काबुल से अचानक चले जाने के बारे में समझा रहा हूं। मैंने सुरक्षा अधिकारियों के अनुरोध पर देश छोड़ा। उन्होंने मुझसे कहा था कि शहर की सड़कों पर 1990 के गृहयुद्ध की तरह लड़ाई होगी। काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था। लेकिन काबुल और देश में बिना बंदूक के 6 मिलियन लोगों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था।”
देश छोड़ने का नहीं था इरादा
अशरफ गनी सितंबर 2014 से अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे। गनी ने कहा, “मैंने अपने जीवन के 20 साल अफगान लोगों को एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य बनाने में मदद करने के लिए समर्पित किए हैं। इसलिए इन लोगों या उस दृष्टि को छोड़ने का मेरा इरादा कभी नहीं था-,“मैं और मेरी पत्नी अपने व्यक्तिगत संपत्ति को लेकर सतर्क हैं। मैंने अपनी सारी संपत्ति सार्वजनिक रुप से घोषित कर दी है। मैं अपनी संपत्ति की संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी भी आधिकारिक ऑडिट या वित्तीय जांच का स्वागत करता हूं।”
सैनीकों का सम्मान
“मैं पिछले 40 वर्षों में सभी अफगानों, विशेष रूप से अफगान सैनिकों और उनके परिवारों के बलिदानों की ईमानदारी से सराहना करता हूं और उनका सम्मान करता हूं। यह बहुत गंभीर और दुखद है कि मेरा कार्यकाल स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित किए बिना मेरे पूर्ववर्तियों की तरह समाप्त हो गया।”
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अमेरिका ने नहीं की भागने में मदद
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने गनी को अफगानिस्तान से भागने में मदद नहीं की। ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने गनी को देश छोड़ने में मदद नहीं की थी- “राष्ट्रपति गनी के देश छोड़ने से एक रात पहले मैंने उनसे फोन पर बात की थी। गनी ने कहा था कि वह मौत से लड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने 24 घंटे के भीतर देश छोड़ दिया। मुझे यह नहीं पता था।”