पंजाब चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं लेकिन यहां कांग्रेस में मची राजनीतिक उथल-पुथल के खत्म होने के कोई संकेत नहीं हैं। पहले कृषि कानूनों का विरोध और फिर कांग्रेस सरकार में असमंजस, अब एक नए मुद्दे पर पंजाब में सियासत गरमा गई है। 13 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र को तीन राज्यों में बढ़ा दिया, जिनमें से एक पंजाब भी है। उसे लेकर इस राज्य में राजनीति तेज हो गई है।
कैप्टन पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के बयान के बाद अब उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी और सिद्धू के करीबी नेता परगट सिंह ने भी कैप्टन पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने आरोप में कहा, “पहले वे धान खरीदी में देरी के लिए दिल्ली गए थे और अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्य में बीएसएफ का दायरा बढ़ गया। केंद्र सरकार की पंजाब में बीएसएफ की तैनाती से पता चलता है कि वे यहां गवर्नरशिप लगाना चाहते हैं।”
उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी ने किया विरोध
राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार को लेकर पंजाब के उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी ने कहा, ”यह राज्य का विशेषाधिकार है। केंद्र सरकार राज्यों के अधिकार छीनना चाहती है। केंद्र और राज्य को अपनी-अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान देना चाहिए। उसे अपने इस आदेश की समीक्षा करनी चाहिए।”
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मुख्यमंत्री चन्नी ने किया विरोध
मुख्यमंत्री चन्नी ने ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है, “मैं अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। यह प्रदेश के अधिकार पर सीधा हमला है। इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”
कैप्टन ने फैसले का स्वागत किया
इस बीच, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “कश्मीर में हमारे जवान मारे जा रहे हैं। हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान समर्थित उग्रवादियों द्वारा अधिक से अधिक हथियार और नशीले पदार्थ पंजाब भेजे जा रहे हैं। बीएसएफ की बढ़ी उपस्थिति और ताकत हमको मजबूत बनाएगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें।”
नए आदेश में क्या है?
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करते हुए उसे गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार भी दिया गया है। यह अधिकार बीएसएफ को भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 किमी के दायरे में दिया गया है। बीएसएफ अब मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना इस अधिकार क्षेत्र में गिरफ्तारी और तलाशी ले सकती है। पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम के बॉर्डर के पास 15 किमी के दायरे में तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार था, जिसे अब बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया है।