पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री माणिकराव गावित का निधन

आदिवासी समाज के सबल नेतृत्व माने जाते थे माणिकराव गावित। वे सबसे लंबे काल तक संसदीय जीवन में रहे।

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पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री माणिकराव गावित (87) का शनिवार को सुबह नासिक के सुयश अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें 12 सितंबर को इलाज के लिए सुयश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका अंतिम संस्कार रविवार को सुबह नंदूरबार जिले में स्थित उनके धुलिपाड़ा स्थित खेत में किया जाएगा। उनके निधन से नंदुरबार जिले के धुले में शोक का माहौल है।

माणिकराव गावित का जन्म नंदूरबार जिले के नवापुर तहसील में स्थित धूलिपाड़ा गांव में एक गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था। उनके पिता होदल्या बोंडा गावित गांव के एक गरीब खेतिहर मजदूर थे। इसलिए माणिकराव गावित का बचपन बहुत ही कठिन परिस्थितियों में गुजरा था। उन्होंने नवापुर गांव और क्षेत्र में एक युवा के रूप में अपना राजनीतिक कार्य शुरू किया। परिणामस्वरूप, उन्हें 1965 में नवापुर ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में चुना गया। यहीं से उनका राजनीतिक सामाजिक कार्य वास्तविक अर्थों में शुरू हुआ। उन्हें वन श्रमिक समाजों में काम करने वाले कांग्रेस पार्टी के एक वफादार कार्यकर्ता के रूप में जाना जाने लगा।

माणिक राव गावित 1980 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए। इसके तत्काल बाद 1981 में वे पहली बार सांसद चुने गए और लगातार 2009 तक 9 बार लगातार लोकसभा सदस्य रहने का सम्मान हासिल किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कैबिनेट में माणिक राव गावित 22 मई, 2004 को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की शपथ ली थी। माणिक राव गावित केंद्र में दो बार राज्यमंत्री रह चुके थे। उनकी बेटी निर्मला गावित नासिक जिले के इगतपुरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं और बेटे भरत गावित भाजपा के जिला परिषद सदस्य हैं। माणिक राव गावित के निधन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने दुख व्यक्त किया है।
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