पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए पद्म भूषण पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया है। वहीं, गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संबंध में उनकी पत्नी को जानकारी दी गई थी और हो सकता है कि उनका अस्वीकार करना बाद में लिया गया राजनीतिक निर्णय हो।
सीताराम येचुरी दी जानकारी
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में शामिल पद्म पुरस्कारों की घोषणा 25 जनवरी को की गई। इसमें पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का नाम भी शामिल है। उनकी पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वे पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में नहीं जानते और किसी ने उन्हें इसके बारे में बताया नहीं। अगर उन्हें यह दिया गया है तो वह इसे अस्वीकार करते हैं।
Former Party PB member & WB CM Buddhadeb Bhattacharya had this to say on the Padma Bhushan award announcement.
“I don't know anything about Padman Bhusan award,none has said anything about it. If I have been given Padma Bhushan I refuse to accept it.”— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 25, 2022
गृह मंत्री का स्पष्टीकरण
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पद्म पुरस्कार देने से पहले पुरस्कृत व्यक्ति को जानकारी दी जाती है। गृह सचिव अजय भल्ला ने उन्हें सम्मानित किए जाने की जानकारी देने के लिए उनके घर पर फोन किया था। तबीयत ठीक न होने के कारण उनकी पत्नी ने फोन रिसीव किया था। उन्हें पद्म पुरस्कार के बारे में सुबह ही जानकारी दे दी गई थी और शाम को पुरस्कारों की घोषणा की गई। इस बीच परिवार की ओर से पुरस्कार अस्वीकार किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इस बात की संभावना है कि यह बाद में लिया गया राजनीतिक निर्णय हो।
इन्हें भी मिला है यह सम्मान
बुद्धदेव भट्टाचार्य के अलावा कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को भी यह सम्मान मिला है। कांग्रेस के ही एक नेता जयराम रमेश ने उन पर तंज कसते हुए भट्टाचार्य के पुरस्कार को अस्वीकार किए जाने को सही कदम बताया है। उन्होंने लिखा, ‘वह आजाद रहना चाहते हैं न कि गुलाम।’