Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल में चार नए प्रावधान, कानून मंत्री ने दी पूरी जानकारी

महिला संरक्षण बिल में संशोधन कर दिया गया है।

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भाजपा (BJP) की केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा (Lok Sabha) में महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) पर कई प्रावधानों का जिक्र किया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Union Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने कहा कि इस बिल में कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कुल चार नए खंड जोड़े गए हैं। मेघवाल ने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना में भी सामाजिक (Social) और आर्थिक न्याय (Economic Justice) का उल्लेख है। अवसर की समानता का भी उल्लेख किया गया है। आज के विधेयक (Bill) से न केवल महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा बल्कि अवसर की समानता भी बढ़ेगी। महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसमें चार महत्वपूर्ण धाराएं हैं।

यह महिला सशक्तिकरण का बिल: मेघवाल
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की और कहा कि यह महिला सशक्तिकरण का विधेयक है। यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है। महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं हैं। सीटों की संख्या बढ़ेगी। महिला आरक्षण के तहत सीटें 33 फीसदी बढ़ जाएंगी।

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बिल में क्या संशोधन किया गया?
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आज के बिल से महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा और अवसर की समानता भी बढ़ेगी। हम बिल में जो संशोधन कर रहे हैं, उसमें चार महत्वपूर्ण खंड हैं।

  • पहले खंड में, संविधान का अनुच्छेद 239 है, जिसमें हम 239AA जोड़ रहे हैं। इससे दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित होगा।
  • दूसरे खंड में, हम संविधान के अनुच्छेद 330 में एक धारा 33ए जोड़ रहे हैं। जिसके तहत लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण होगा। यह एक बड़ा कदम है।
  • तीसरे खंड के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 332 के बाद एक नया अनुच्छेद 33A जोड़ा जा रहा है, जिसके अनुसार, राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों का प्रावधान किया जा रहा है।
  • चौथे खंड में, संविधान के अनुच्छेद 334 के बाद एक नया अनुच्छेद 33ए जोड़ा जा रहा है, जिसके अनुसार महिलाओं के लिए यह आरक्षण (जिस पर आज यह सदन चर्चा के लिए ले रहा है) 15 वर्षों तक प्रभावी रहेगा। 15 साल बाद इसे बढ़ाना है या नहीं, इसका फैसला संसद ही करेगी। संसद को यह अधिकार होगा।

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