Muslim Reservation: कर्नाटक(Karnataka) की कांग्रेस सरकार(Congress government) ने विधानसभा में एक विधेयक पेश(Bill introduced) किया, जिसके तहत सार्वजनिक ठेकों में मुस्लिम समुदाय के लिए चार प्रतिशत आरक्षण(Four percent reservation for Muslim community in public contracts) देने की व्यवस्था की गई । कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता संशोधन विधेयक 2025(Karnataka Public Procurement Transparency Amendment Bill 2025) के तहत एक करोड़ तक के वस्तु सेवा ठेकों में मुसलमानों को आरक्षण दिया गया है। कर्नाटक सरकार का तर्क है कि इस विधेयक का उद्देश्य पिछड़े वर्गों में बेरोजगारी को कम करना है।
क्या कहता है नया विधेयक?
इस विधेयक के तहत 2 करोड़ रुपए तक के सिविल कार्यों और एक करोड़ रुपए तक के वस्तु सेवा ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस प्रस्ताव की घोषणा 7 मार्च को पेश किए गए 2025- 26 के बजट में की थी। मौजूदा समय में कर्नाटक में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सिविल कार्य ठेकों में 24 प्रतिशत, ओबीसी श्रेणी -1 के लिए चार प्रतिशत और ओबीसी श्रेणी 2ए के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण है।
इस तरह से विधेयक में अनुसूचित जातियों जनजातियों और पिछड़े वर्गों के लिए वस्तु और सेवा की खरीद में आरक्षण की भी व्यवस्था है, जिससे अनुसूचित जाति के लिए 17 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए 6.95 प्रतिशत ओबीसी की श्रेणी एक के लिए चार प्रतिशत श्रेणी 2 के लिए 15 प्रतिशत और श्रेणी दो भी मुस्लिम के लिए चार प्रतिशत आरक्षण शामिल है।
भाजपा देगी न्यायालय में चुनौती
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य बसवराज ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है। भाजपा नेता ने कहा कि यह कदम सामाजिक अशांति पैदा करने और वोट बैंक को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी।