गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में जी-20 के स्वास्थ्य कार्य समूह और स्वास्थ्य मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के हमारे दर्शन के इर्द-गिर्द घूमती है। महामारी ने हमें सिखाया है जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है, तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह जी-20 के स्वास्थ्य कार्य समूह की चौथी बैठक है।
डॉ. पवार ने जी-20 के स्वास्थ्य कार्य समूहों की बैठक में हो रहे महत्वपूर्ण विचार-विमर्श को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जी-20 अध्यक्षता ने वन हेल्थ और जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण खतरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य के लिए वैश्विक पहल में एक समन्वित दृष्टिकोण की परिकल्पना की गई है जो संवादहीनता को तोड़ता है और सुनिश्चित करता है कि विद्यमान और जारी डिजिटल स्वास्थ्य प्रयासों को एक छतरी के नीचे सुलभ बनाया जा सके।
डॉ. पवार ने प्रतिनिधियों से कहा कि आज आप जिस घोषणापत्र को अंतिम रूप दे रहे हैं, वह तीन कार्य समूह की बैठकों और अनगिनत द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय बैठकों में हुई गहन और जानकारीपूर्ण चर्चाओं की परिणति होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में विषमता पर ध्यान देना इस जी-20 अध्यक्षता के तहत हमारे सभी प्रयासों के मूल में है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि स्वास्थ्य कार्य समूह और उसके साथ आयोजित 14 सह-ब्रांडेड कार्यक्रमों में विश्वभर की गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन स्वास्थ्य कार्य समूहों में हुई चर्चाओं ने हमें एक समन्वित वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे के निर्माण के हमारे पारस्परिक लक्ष्य के निकट पहुंचाया है।
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