जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के दूसरे सत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि दुनिया के हर समाज में माताएं, फैमिली की ड्राइविंग फोर्स होती है। आज के भारत में वीमेन लीडरशिप (women leadership) हर सेक्टर में दिख रही है। भारत में करीब 45 प्रतिशत STEM यानी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमैटिक्स ग्रेजुएट्स लड़कियां हैं। आज भारत के स्पेस प्रोग्राम में अनेक क्रिटिकल मिशन को हमारी महिला साइंटिस्ट हैंडल कर रही हैं। आज भारत के गांव-गांव में 90 मिलियन महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अभियान से जुड़कर छोटे-छोटे बिजनेस को आगे बढ़ा रही हैं। मेरा विश्वास है कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास (women-led development) इक्कीसवीं सदी में एक बहुत बड़े बदलाव का वाहक बनेगा।
एक पारिवारिक सत्र में, मैं तीन सुझाव आपके बीच रखना चाहता हूं। पहला, हम दुनिया की टॉप स्पोर्ट्स लीग्स से आग्रह कर सकते हैं, कि वे अपनी कमाई का 5 प्रतिशत हिस्सा ग्लोबल साउथ के देशों में महिलाओं के लिए खेल अवसंरचना (Sports infrastructure) में निवेश करें।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल
यह वैश्विक स्तर पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का एक नए प्रकार का मॉडल हो सकता है। दूसरा, जिस तरह सभी देश अलग-अलग कैटगरी के वीज़ा जारी करते हैं, उसी तरह हम “G20 Talent Visa” की एक स्पेशल कैटगरी बना सकते हैं। इस प्रकार का वीज़ा, हम सभी के शीर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रतिभाओं को वैश्विक अवसरों का पता लगाना बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। उनकी प्रतिभा और उनके प्रयास, हम सभी की अर्थव्यवस्थाओं में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।
Global Bio-banks बनना
तीसरा, हम WHO की देख-रेख में Global Bio-banks बनाने के बारे में सोच सकते हैं। इसमें विशेष रूप से, ह्रदय रोग, सिकल सेल एनीमिया, एंडोक्राइन और ब्रैस्ट कैंसर जैसी बीमारियों पर ध्यान दिया जा सकता है। ऐसे Global Bio-Bank को भारत में स्थापित करने पर हमें बहुत खुशी होगी।
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