भारत के पड़ोसी देश नेपाल में लंबे राजनीतिक उठापटक के बीच 20 नवंबर को एक चरण में आम चुनाव होगा।प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने 4 अगस्त को एक बैठक में यह निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल के सूत्रों के अनुसार नेपाल में प्रतिनिधि सभा और प्रांतीय असेंबली के सदस्यों के निर्वाचन के लिए 20 नवंबर को चुनाव होगा। नेपाल की प्रतिनिधि सभा में 275 सीटें हैं जिनमें से 165 सदस्य सीधे चुने जाते हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन की बुधवार को हुई बैठक में 20 नवंबर को दोनों ही स्तरों के लिए चुनाव कराने पर सहमति बनी थी।
मुख्य विपक्षी नेता और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी -लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने यहां पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव की घोषणा का स्वागत किया।
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने किया स्वागत
ओली ने कहा कि हम चुनाव कराने के फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि यह स्वभाविक है। संसद के निचले सदन एवं देश की सात प्रांतों की एसेम्बलियों के लिए पिछला चुनाव 2017 में दो चरणों में 26 नवंबर और सात दिसंबर को हुआ था।
-3 अगस्त को हुई बैठक में सत्ताधारी गठबंधन 20 नवंबर को चुनाव कराने पर सहमत हुआ था। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियों के लिए 120 दिन की मांग की थी। लेकिन अब उसे केवल 112 दिन ही मिलेंगे।
मुख्य चुनाव आयोग ने कही ये बात
मुख्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश थापालिया ने कहा कि इतना समय पर्याप्त होगा। नेपाली कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर), नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत सोशलिस्ट), जनता समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा साझीदार हैं। इससे पहले 2017 में दो चरणों में 26 नवंबर और सात दिसंबर को संसद के निचले सदन और सात प्रांतों की असेंबली के लिए चुनाव कराए गए थे। गौरतलब है, 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद से नेपाल में 10 सरकारें बदली हैं।