गोवा विधान सभा राजनीतिक अस्थिरता के लिए जाना जाता है। राज्य ने पिछले 10 वर्षों में 11 मुख्यमंत्री देखे हैं। बता दें कि, गोवा ही देश का ऐसा राज्य है जहां एक कार्यकाल में 7 बार शपथ ग्रहण कराया गया था। भाजपा इस चुनाव में स्थिरता को मुद्दा बनाकर लड़ी थी, पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल को सामने रखकर वह चुनाव में उतरी थी।
पार्टी | आगे | जीत |
भाजपा | – | 20 |
कांग्रेस | – | 11 |
एमजीपी | – | 02 |
टीएमसी | – | 00 |
आप | – | 02 |
एनसीपी | – | 00 |
अन्य | – | 01 |
2017 के विधान सभा चुनावों की बात करें तो उस समय कांग्रेस 17 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी। जबकि, दूसरे क्रमांक पर भाजपा थी, जिसे 13 विधान सभा सीटों में विजय प्राप्त हुई थी। परंतु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रहे मनोहर पर्रीकर ने राज्य की राजनीति में वापसी की, उन्होंने स्थानीय दलों को साथ लेकर न मात्र कांग्रेस को बड़ा दल होने के बाद भी सत्ता से दूर रखा, बल्कि भाजपा की सफल सरकार की स्थापनी भी की।
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