भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट झेल रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जनाकांक्षाओं के आगे झुकते हुए इस्तीफा देना ही पड़ा। श्रीलंका से भागकर मालदीव के रास्ते सिंगापुर पहुंचे गोटबाया के इस्तीफे से श्रीलंका में जश्न का माहौल है। इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है।
श्रीलंका में निवर्तमान राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को लेकर विरोध इस कदर बढ़ गया था कि 9 जुलाई को जनता ने राष्ट्रपति भवन घेर लिया तो गोटबाया को परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा। तब उन्होंने 13 जुलाई को इस्तीफा देने की बात कही थी किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया। मालदीव से वे सिंगापुर पहुंचे और वहां से ई-मेल पर संसद के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा। गोटबाया के इस्तीफे के बाद श्रीलंका में जश्न का माहौल है। लोग सड़कों पर उतरकर नाच रहे हैं। गोटबाया के इस्तीफे को प्रदर्शनकारी अपनी जीत करार दे रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री आवास खाली करना भी शुरू कर दिया है। 14 जुलाई की रात गोटबाया के इस्तीफे की जानकारी आते ही भारी संख्या में लोग कोलंबो की सड़कों पर निकले और जश्न मनाया। इस दौरान पटाखे भी फोड़े गए और लोग मस्ती में झूमते हुए भी दिखाई दिये।
नये सिरे से सत्ता संघर्ष शुरू
गोटबाया के इस्तीफे के बाद अब श्रीलंका में नए सिरे से सत्ता संघर्ष भी शुरू हो गया है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया कि गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नया राष्ट्रपति चुने जाने तक प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। साथ ही नए राष्ट्रपति को चुनने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। इसके लिए सांसदों को बुलाया गया है।