Rajya Sabha: कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम

केंद्र सरकार ने आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने एवं तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

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Rajya Sabha: केंद्र सरकार(Central Government) ने आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने एवं तेल और गैस के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा(Promoting domestic production of oil and gas) देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने भी ईंधन मूल्य निर्धारण(Fuel Pricing), वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के प्रभाव(Effects of global crude oil prices) और उपभोक्ताओं(Consumers) पर बोझ को कम करने से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए विभिन्न कदम(Various Steps) उठाए हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने दिया लिखित उत्तर
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने 10 मार्च को बताया कि केंद्र सरकार ने नवंबर, 2021 और मई, 2022 में दो किश्तों में पेट्रोल और डीजल पर कुल मिलाकर क्रमशः 13 रुपये प्रति लीटर और 16 रुपये प्रति लीटर की केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की, जिसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया। कुछ राज्य सरकारों ने भी नागरिकों को राहत देने के लिए वैट दरों में कमी की।

मार्च, 2024 में ओएमसी ने देश भर में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की। कच्चे तेल के आयात की टोकरी में विविधता लाकर आम नागरिकों को उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों से बचाना, पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व के प्रावधानों को लागू करना और घरेलू बाजार में डीजल की कीमतों में वृद्धि, पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण में वृद्धि आदि कदम उठाए गए हैं।

अंतर-राज्य माल ढुलाई को बनाया युक्तिसंगत
पीएसयू ओएमसी ने अंतर-राज्य माल ढुलाई को युक्तिसंगत बनाया है, जिससे राज्यों के भीतर दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इस पहल ने एक राज्य के भीतर पेट्रोल या डीजल की अधिकतम और न्यूनतम खुदरा कीमतों के बीच के अंतर को भी कम कर दिया है। देश भर में 10.33 करोड़ से अधिक पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराए गए। कुछ राज्य सरकारें एलपीजी रिफिल पर कुछ अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रही हैं और अपने संबंधित बजट से अतिरिक्त लागत वहन कर रही हैं।

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नेट जीरो स्टेटस के लिए अपनी लक्ष्य तिथियों की घोषणा
तेल और गैस पीएसयू ने पहले ही नेट जीरो स्टेटस के लिए अपनी लक्ष्य तिथियों की घोषणा कर दी है और इसके लिए योजनाएं विकसित की हैं। पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने और देश के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे अपने संचालन और मूल्य श्रृंखला को डीकार्बोनाइज करने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं इथेनॉल मिश्रण, संपीड़ित जैव गैस (सीबीजी) और बायोडीजल, स्वच्छ उत्पादन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना, गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, ऊर्जा दक्षता और संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देना, ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन और उपयोग, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना आदि। पिछले 10 वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसी ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण ने लगभग 578 लाख मीट्रिक टन कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद की है।

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