लो अब दूसरा अधिनियम भी हुआ वापस… देवभूमि में सरकार का यूटर्न

देवस्थानम बोर्ड के निर्णय को लेकर संत समुदाय और पुजारियों में रोष था।

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उत्तराखंड सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए अपने अपने एक अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके कारण राज्य में पिछले कई महीनों से विरोध हो रहा था। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह निर्णय सामने आया है।

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क्या है देवस्थानम बोर्ड अधिनियम

  • देवस्थानम बोर्ड का गठन जनवरी 2020 में हुआ
  • भाजपा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था गठन
  • राज्य के 51 मंदिरों का नियंत्रण सरकार के अधीन आया
  • केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ के चार धाम भी आए सरकार के अधीन
  • तीर्थ पंडितों और साधु संतों ने किया विरोध

मुख्यमंत्री की वचन पूर्ति
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड का नेतृत्व जुलाई 2021 में संभाला है। उनके सामने तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के निर्णय का मुद्दा उठाया था। देवस्थानम बोर्ड के विरोध को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का विरोध करने का निर्णय किया था, परंतु मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद यह प्रदर्शन थम गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने एक समिति का गठन करके उससे रिपोर्ट की मांग की थी। इस रिपोर्ट के आने के बाद मुख्यमंत्री ने कानून को रद्द कर दिया है।

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