राज्यपाल के बाण तृणमूल को चुभ गए… पश्चिम बंगाल में बयानों की बाढ़

पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की परिस्थिति को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तीखी टिप्पणी की है।

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठाया है। बीरभूम और उसके बाद नादिया में हुई घटना के बाद राज्यपाल पहली बार अपनी प्रतिक्रिया किसी सार्वजनिक स्थान पर साझा कर रहे थे। राज्यपाल के बयान वास्तविक और तीखे होते हैं, जो तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चुभते रहे हैं।

कानून व्यवस्था चरमराई
14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर विधानसभा में आदरांजलि अर्पित करने पहुंचे राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि बंगाल में लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और कानून व्यवस्था नहीं बचा है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने राज्यपाल के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है। लोगों को जलाकर मारा जा रहा है। गैरकानूनी तरीके से नौकरी दी जा रही है। सीबीआई जांच को लेकर इतने सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं। मेरे पास राज्य सरकार से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। चुनाव बाद हिंसा मामले में कई लोगों की जान गई, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई और कोई सबक नहीं लिया। कुछ लोग कानून से ऊपर हो गए हैं। उच्च न्यायालय में कल जो हुआ है वह दुखद है। न्याय के मंदिर में अराजकता फैलाई जा रही है। राज्य के लोग डर के साए में जी रहे हैं। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

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संवैधानिक दायित्वों का पालन
राज्यपाल के बयान के बीच विधानसभा अध्यक्ष विमान ने कहा कि विधानसभा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की जगह नहीं होती लेकिन राज्यपाल ने उनकी बात नहीं सुनी और जो कुछ कहना था, वह कहते रहे। धनखड़ ने कहा कि हम हैं या आप हम लोग आम लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। हमारे लिए उचित यही है कि हम अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करें। इसके बाद राज्यपाल वहां से बाहर चले गए।

इसके बाद मीडिया से मुखातिब विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि हर किसी का अपना एक दायरा है। राज्यपाल बहुत बातें करते हैं, जो पूरी तरह से सटीक नहीं होतीं। हम लोग जो भी करते हैं संवैधानिक दायरे में करते हैं।

तृणमूल ने भी जताई आपत्ति
राज्यपाल के इस तरह के बयान पर तृणमूल ने भी आपत्ति जताई है। सांसद सांतनु सेन ने कहा है कि संवैधानिक प्रधान होकर राज्यपाल संविधान को ही कलंकित कर रहे हैं। वह एक पार्टी के दास के तौर पर बर्ताव कर रहे हैं। इस पर भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने तृणमूल पर हमला बोला और कहा कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक संकट चल रहा है, इसलिए मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक राज्यपाल पर हमला बोलते रहते हैं।

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