महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव करवाए जाने का प्रस्ताव 15 मार्च को राज्य सरकार को लौटा दिया। इससे अब बजट सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने के आसार नहीं हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरें इसकी जानकारी कांग्रेस नेताओं को दी। इसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भगतसिंह कोश्यारी राज्यपाल नहीं भाजपा पाल हैं।
बता दे कि नाना पटोले की नियुक्ति महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर होने के बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने अध्यक्ष पद का चुनाव गोपनीय तरीके से कराने की बजाय ध्वनि मत से करवाए जाने के नियमों में परिवर्तन किया था। भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष पद चुनाव नियम में परिवर्तन को गलत बताते हुए नाराजगी व्यक्त की थी।
न्यायालय में दायर की गई थी याचिका
भाजपा की ओर से विधायक गिरीश महाजन के इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद महाविकास आघाड़ी के नेता राज्यपाल से तीन बार मिले और बजट सत्र में ही विधानसभा अध्यक्ष चुनाव की अनुमति देने की मांग की।
प्रस्ताव वापस करने का यह है कारण
भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने विधानसभा अध्यक्ष पद चुनाव के लिए किए गए परिवर्तन को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, इसकी सुनवाई जल्द होने वाली है। इसी वजह से राज्यपाल ने 15 मार्च को राज्य सरकार का प्रस्ताव लौटा दिया है। राज्यपाल ने कहा कि यह मामला न्यायालय में लंबित है, इसलिए वे चुनाव की अनुमति नहीं दे सकते हैं। विधानमंडल का बजट सत्र 25 मार्च तक चलने वाला है, इसलिए अब इस सत्र में भी विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं लग रहा है। इससे महाविकास आघाड़ी सरकार तथा राजभवन के बीच संघर्ष और बढ़ गया है। नाना पटोले ने राज्यपाल को भाजपा पाल तक बता दिया है।